न्यूज़ वाणी
संवाददाता ओमप्रकाश गौतम
अतर्रा/बांदा | ग्राम पंचायत अतर्रा ग्रामीण विकाश खण्ड नरैनी में स्वच्छ भारत मिशन दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा है ,क्योंकि लगभग 15000 हज़ार मतदाताओं वाली जिले की वृहद ग्राम पंचायतो में से एक अतर्रा ग्रामीण में लगभग 100 मजरे है यहा के प्रधान को मिनी विधायक भी कहा जाता है | लेकिन दुर्भाग्य कहे या जातिगत राजनीत के प्रभाव को यहां के प्रधान द्वारा पंचायत के विकास के मानदंडों को कभी अपनी प्राथमिकता में नहीं रखा जाता जिसके चलते आज भी यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं |
अभी वर्तमान समय में संक्रमण जनित बीमारियों का दौर चल रहा है जिसमे डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड,जैसे अनेक बीमारियो से लोग परेशान है और शासन द्वारा लगातार साफ सफाई दावा के छिड़काव के लिए मीटिंग की जा रही है | अतर्रा ग्रामीण के किसी भी मजरे पर ना तो सफाई होती है जहा देखो कूड़े के ढेर आपका स्वागत करते मिलेंगे बजबजाती नालिया यही पहचान है|
गौर करने वाली बात यह है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत अतर्रा ग्रामीण के वर्तमान प्रधान द्वारा कुछ मजरो पर गीला एवं सूखा कचरा एकत्रित करने के लिए डिब्बे लगवाए गए हैं और कई लाख रुपए की कीमत से भुजियारी पुरवा में एक कूड़ा कचरा प्रबंधन केंद्र भी बनाया गया है और यही नहीं पंचायत के विभिन्न मजरो से कूड़ा इकट्ठा करने के लिए पांच रिक्शे भी शानन द्वारा पंचायत को दिए गए लेकिन अब इसका उपयोग देखिए प्रधान जी द्वारा किस तरह किया जा रहा है कि अपने व्यक्तिगत काम उन रिक्सो से किए जाते हैं | जहां-जहां पर भी कूड़े के डिब्बे लगे हैं जब से लगे होंगे तब से आज तक उन कूड़े के डिब्बों को खाली नहीं किया गया कचरा उन में पड़ा है और वह सड़ रहा है गंदगी फैला रहा है | कूड़ा कचरा प्रबंधन केंद्र मात्र शो पीस बना हुआ है सफाई कर्मी तो किसी भी मुजरे में आज तक न गया होगा और 90% लोगों को यही ना पता होगा कि गांव में साफ सफाई के लिए सफाई कर्मी भी सरकार द्वारा दिए जाते हैं |