चैडगरा, फतेहपुर। विकासखंड देवमई क्षेत्र के अंतर्गत मुसाफा चैराहे से चंद कदम की दूरी पर स्थित पाल मेडिकल स्टोर बना मिनी हॉस्पिटल जहां कई मरीज आए दिन भर्ती रहते हैं वही भैसौली में सत्येंद्र सिंह का क्लीनिक इन दिनों कोई हॉस्पिटल से कम नहीं दिख रहा है ब्लॉक क्षेत्र में यह दोनों क्लीनिक अवैध रूप से धड़ल्ले से चल रहे हैं जहां क्षेत्रीय मरीजों का जमावड़ा दिन भर लगा रहता है बात करें पाल मेडिकल स्टोर संचालक मुसाफा देव प्रकाश की तो मेडिकल स्टोर के अंदर 8 से 10 बेड दिखाई दे रहे हैं जहां पर मरीजों को सुविधा उपलब्ध नहीं है एक बेड में दो मरीज भर्ती होकर अपना इलाज करा रहे हैं जैसे ही मुसाफा पाल मेडिकल स्टोर के संचालक देव प्रकाश से बात की गई तो उन्होंने कहा मेडिकल स्टोर का रजिस्ट्रेशन है लेकिन क्लीनिक का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है यह बड़ा सवाल उठता है स्वास्थ्य विभाग जो ऐसे अवैध क्लीनिकों को चीज करने में नाकाम है जैसे ही क्षेत्रीय लोग मरीज के साथ कोई घटना होती है तो ऐसे ही अवैध रूप से चलने वाले क्लिनिक संचालक अपना पल्ला झाड़ कर फरार हो जाते हैं भैंसौली के सत्येंद्र सिंह के क्लीनिक में लगभग 7 से 10 बेड उपलब्ध है जो क्लीनिक संचालक सतेंद्र सिंह कहते हैं कि लगभग 20 वर्षों से ऐसे ही क्लीनिक चला रहे हैं लेकिन इसमें स्वास्थ्य विभाग के ऊपर कई बड़े सवाल उठाते हैं जैसे क्लीनिक को मिनी हॉस्पिटल बनाकर मेडिकल संचालकों ने रख दिया है जहां पर जांच के नाम पर स्वास्थ्य विभाग फेल है आखिर स्वास्थ्य विभाग ऐसे अवैध क्लीनिक मिनी हॉस्पिटलों पर कब कार्रवाई करेगी इनकी वजह से सरकारी अस्पताल में क्षेत्रीय मरीज बहुत कम पहुंचते हैं जहां सरकार स्वास्थ्य विभाग से जनता को स्वस्थ रहने की लगातार अपील कर रही है अवैध क्लीनिक संचालक मलाई खाकर जनता से अपनी जेब भर रहे हैं।