सचिव के भ्रष्टाचारी कार्यशैली के कारण पात्रों को नहीं मिल रहा जनकल्याणकारी योजनाओ का लाभ

 

न्यूज़ वाणी

संवाददाता ओमप्रकाश गौतम

अतर्रा/बांदा | तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत गुमाई विकासखंड महुवा के वर्तमान प्रधान महेश यादव ने पंचायत सचिव विचित्र वीर सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी बांदा को पञ्चायत राज अधिकारी बांदा को एक पत्र लिखा जिसमे उन्होंने बताया की वर्तमान में तैनात सचिव विचित्र वीर सिंह अपनी मनमानी पर उतारू है, वह प्रत्यक निर्णय स्वम ही लेता है और कहता है कि मैं प्रधान को कुछ नही मानता मैं सरकारी कर्मचारी हूं पंचायत के सभी निर्णय में ही लूंगा तुमको जो करना हो जहा शिकायत करना हो करो सरकार में मेरी ऊपर तक पहचान है,तुम मेरा तबादला तक नहीं करा सकते है ,प्रधान की औकात ही क्या होती हैं|
बहरहाल यह जांच का विषय है कि सचिव ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है या नहीं किया है लेकिन हमें ग्राम प्रधान द्वारा यह जानकारी दी गई है और अगर पंचायत सचिव द्वारा इस तरह के अपशब्दो का प्रयोग किया गया है तो यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि लोकतंत्र मैं जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि के साथ एक सरकारी कर्मचारी इस तरह का बर्ताव करें |
जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में ग्राम प्रधान महेश यादव ने सचिन पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र व्यक्तियों को आवास आवंटित करते है | यही नहीं आवास के लिए बकायदा सुविधाशुल्क 10000 से ₹15000 लेते हैं |प्रधान ने बताया हमारी पंचायत में प्रदीप कुमार पुत्र बच्चू लाल गर्ग, अनिल कुमार पुत्र सुमंगल द्विवेदी, ललिता पत्नी राजा प्रसाद ,इन व्यक्तियों के पास 10 से 15 बाई जमीन है पक्के मकान है ,और चार पहिया वाहन है और उन व्यक्तियों ने खुद मुझसे बोला है कि हम अपात्र हैं लेकिन चंद पैसों के लालच में आकर पंचायत सचिव विचित्र वीर द्वारा अपात्रों को आवास आवंटित किए जा रहे हैं , जो कि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है | जबकि हमारे ग्राम पंचायत में तमाम गरीब व्यक्ति विकलांग व्यक्ति बेवा औरतें हैं जो आवास के असली हकदार हैं लेकिन सचिव द्वारा उनको अपात्र किया जा रहा है, और मेरे मना करने पर मुझे धमकी दी जा रही है | उन्होंने मांग की अति शीघ्र अगर पंचायत का विकास चाहिए तो सचिव महोदय को तत्काल प्रभाव से इस पंचायत से हटाया जाए |

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