घर में खाना बनाते समय लगी आग: माँ सहित दो बच्चो की दर्दनाक हुई मौत; दोनों बच्चे सीने से थे चिपके

 

 

फतेहपुर के ललौली थाना क्षेत्र के खटौली गांव में रविवार को एक घर में सिलेंडर लीक होने से आग लग गई। हादसे में एक महिला और उसके दो मासूम बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। तीनों की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसियों ने किसी तरह गैस सिलेंडर को निकालकर घर से बाहर फेंका। इसके बाद लोग तीनों को लेकर CHC पहुंचे। यहां से तीनों को जिला अस्पताल के लिए भेजा गया। फिर तीनों को कानपुर रेफर कर दिया गया।

अस्पताल ले जाते समय महिला और उसके दोनों बच्चों ने दम तोड़ दिया। तीनों की मौत की खबर सुनते ही उनके गांव-घर में कोहराम मच गया। खटौली गांव के रहने वाले उमेश कुमार विश्वकर्मा की पत्नी अलका (32) रविवार सुबह 10 बजे घर पर खाना बना रही थी। इसी दौरान गैस सिलेंडर लीक होने से रसोई में आग लग गई। आग की चपेट में आने से अलका जलने लगी। इसी बीच किचन में बैठे महिला के दो बच्चे परी (3) और गौरव विश्वकर्मा (5) भी आग की चपेट में आ गए।

 

 

तीनों लपटों में घिरकर चिल्लाने लगे। चीख-पुकार सुनकर आस-पड़ोस के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। गैस सिलेंडर को घर से बाहर फेंककर आग पर काबू पाया। इसके बाद झुलसे मां-बच्चों को 108 एम्बुलेंस के मदद से जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। यहां डॉक्टर ने तीनों की हालत गंभीर देखकर प्राथमिक उपचार करने के बाद कानपुर हैलट के लिए रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान मां और दोनों बच्चों ने शाम 6 बजे दम तोड़ दिया।

जब हम खटौली गांव पहुंचे, तो वहां मातमी सन्नाटा छाया हुआ था। हर किसी की जुबान पर अलका और उसके बच्चों की मौत की खबर थी। लोगों को यही कहते सुना कि हे भगवान, बेचारे तड़प-तड़पकर मर गए। इसके बाद हम अलका के घर पहुंचे। यहां घर के अंदर सामान बिखरा हुआ था।

 

 

हम उस रसोई में गए, जहां तीनों झुलस गए थे। यहां एक किनारे रखा सिलेंडर और उसके पास ही रखा चूल्हा, तीन जिंदगियों को निगलने की गवाही दे रहा था। इसका रेगुलेटर और गैस पाइप पास में ही पड़े हुए थे। वहीं, रसोई का सामान भी बिखरा हुआ था। मौके पर मौजूद अलका की पड़ोसी ने बताया कि आग बुझाने के चलते ही यह सब कुछ हुआ है।

आग की इस घटना के बाद जो कोई भी उन्हें बचाने के लिए घर के अंदर दाखिल हुआ, वे सभी एक-एक कर हमें आंखों देखा हाल बताने लगे। अलका के पड़ोसियों ने कहा, ”हमें सबसे पहले गौरव के चिल्लाने की आवाज ही आ रही थी। वो बोल रहा था मम्मी जल रही हैं, बचाओ… वो जोर-जोर से यही कह रहा था।”

 

 

“इसके बाद हम चार-पांच लोग घर के अंदर गए तो देखा अलका की बेटी और गौरव उसे पकड़े हुए हैं। वो बच्चे अलका को सीने से चिपकाए हुए थे। अलका की साड़ी में आग लगी थी, जो दोनों बच्चों के कपड़ों में भी लग चुकी थी। उस समय अलका दोनों को अलग करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन तीनों रोते-चिल्लाते उसे पकड़े हुए थे।”

पड़ोसियों की मानें, तो पूरा दृश्य विचलित कर देने वाला था। इसके बाद किसी तरह उन्होंने धधक रहे सिलेंडर को घर से बाहर फेंका। इसमें गीला बोरा डाला गया। रेगुलेटर को बंद किया गया। पड़ोसियों ने यह भी बताया कि सिलेंडर का पाइप पुराना हो चुका था, शायद यही वजह रही कि पाइप से ही रिसाव शुरू हुआ और फिर यह हादसा हो गया।

 

 

 

मृतक के देवर नरेश ने कहा, ”जब हम लोग पहुंचे तो भाभी की गोद में छोटी बेटी परी 3 साल और 5 साल का बेटा गौरव आग में जल रहे थे। हम लोगों ने कंबल से आग बुझाई। इसके बाद देखा, तो सभी के शरीर की चमड़ी जलकर बाहर निकल आई थी। हम लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे तो छोटी बेटी का शरीर देखा। वो दर्द से तड़प रही थी।

नरेश ने कहा, ”भाभी सबसे ज्यादा झुलस गई थी। अस्पताल के गेट में ही उन्होंने दम तोड़ दिया था। इससे पहले तक वो यही कह रही थी कि गौरव के पास ले चलो, मुझे परी से मिलना है, पहले उनके पास ले चलो, तब ही मेरा इलाज कराना।”

ग्रामीणों ने बताया कि इसी साल परी का दाखिला प्राथमिक विद्यालय में कराया गया था। वहीं गौरव और परी दोनों एक साथ स्कूल जाते थे। अगर आज रविवार न होता, तो शायद दोनों बच्चे स्कूल में होते और यह हादसा नहीं होता। वहीं, पड़ोस की एक महिला ने बताया कि अलका ने नवरात्रि व्रत रखने की बात कही थी। आज उसका व्रत था, पूजा करने के बाद उसने खाना बनाना शुरू किया था।

 

 

 

घटना की सूचना मिलते ही अलका का पति उमेश गुजरात से फतेहपुर के लिए रवाना हो गया है। उमेश गुजरात में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत है। फोन पर उसने रोते-बिलखते कहा कि इस बार बच्चों के लिए दिवाली में कपड़े लाने थे। पत्नी ने भी साथ ही त्योहार मनाने की बात कही थी, उसे यकीन ही नहीं हो रहा कि घर में इस तरह का हादसा हो गया है।

ग्रामीणों की मानें तो घटना के तीन घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि, पुलिस को सूचना दी गई थी। लेकिन जब तीनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तब पुलिस वाले अलर्ट हुए और फिर गांव आए। फिलहाल, तीनों का पोस्टमॉर्टम कानपुर के हैलट अस्पताल में कराया गया है।

 

 

 

 

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