फतेहपुर : जिला कारागार में हत्या के आरोप में निरुद्ध वृद्ध कैदी की बुधवार की रात अचानक हालत खराब हो गई। हालांकि बंदीरक्षक उसे आनन फानन जिला चिकित्सालय लेकर गए, जहां कैदी की मौत हो गई। सूचना पाकर पहुंचे परिजनों ने स्वीकार किया कि वृद्ध काफी दिनों से बीमार चल रहे थे, लेकिन बीमारी की सूचना नहीं दी गई थी।
धाता थाने के गो¨वदपुर गांव के ग्राम प्रधान प्रदीप निर्मल की वर्ष 2015 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें 65 वर्षीय वृद्ध कोटेदार गणेश रैदास एवं उसके दोनों बेटे जयचंद्र व रामचंद्र नामजद थे। पुलिस ने उक्त पिता-पुत्रों को गिरफ्तार 31 अगस्त 2015 को जिला कारागार भेज दिया था। वर्ष 2016 को उक्त पिता-पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा हो गई थी। बताते हैं कि 31 जनवरी 2018 को अचानक कैदी गणेश की हालत खराब हो गई, जिस पर जेल प्रशासन ने उसे जिला चिकित्सालय ले जाकर भर्ती कराया।
हालत में सुधार न होने जेल प्रशासन ने कानपुर के मुरारीलाल चेस्ट हास्पिटल मे जाकर उपचार कराया था। जिससे पता चला था कि फेफड़े में पानी भर जाने की वजह से हालत खराब है। जेल प्रशासन ने उक्त कैदी को जेल अस्पताल में भर्ती करा दिया था। बुधवार को देर रात अचानक हालत बिगड़ने पर कैदी को जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मृतक के भतीजे राजकुमार व भांजे कंधईलाल का कहना था कि गणेश रैदास बीमार थ,े लेकिन गंभीर बीमार होने की सूचना उन्हें नहीं दी गई थी। जेल अधीक्षक विनोद कुमार ¨सह का कहना था कि प्रथम दृष्टया कैदी की बीमारी से मौत हुई है, शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है।
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