इस लड़ाई का कोई नायक नहीं केवल पीड़ित हैं’, सऊदी प्रिंस ने भारत के बारे में कही ये बात

सऊदी प्रिंस ने हमास की आलोचना करते हुए कहा कि उसने “इजरायली सरकार को हमलों के लिए एक उच्च नैतिक आधार उपहार में दिया है” उन्होंने कहा, “मैं हमास की निंदा करता हूं कि उसने इस भयानक सरकार को गाजा को उसके नागरिकों से जातीय रूप से साफ करने का बहाना दिया और उन पर बमबारी की।”

गाजा में चल रहे युद्ध पर कड़ी टिप्पणी करते हुए, सऊदी अरब के एक राजकुमार, जो देश के पूर्व खुफिया प्रमुख थे ने हमास और इजरायल दोनों की निंदा की है। साऊदी प्रिंस ने कहा है कि इस संघर्ष में कोई नायक नहीं है, केवल पीड़ित हैं। तुर्की अल फैसल ने एक अमेरिकी विश्वविद्यालय में अपने भाषण में भारत का भी करते हुए सविनय अवज्ञा के माध्यम से कब्जे का विरोध करने के स्वतंत्रता आंदोलन का उदाहरण दिया।

78 वर्षीय फैसल का एक वायरल वीडियो यह कहने के साथ शुरू होता है कि सभी कब्जे वाले लोगों को अपने कब्जे का विरोध करने का अधिकार है, यहां तक कि सैन्य रूप से भी। उन्होंने कहा, ‘मैं फलस्तीन में सैन्य विकल्प का समर्थन नहीं करता। मैं दूसरा विकल्प पसंद करता हूं वह है सविनय विद्रोह और अवज्ञा। इसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य और पूर्वी यूरोप में सोवियत साम्राज्य को गिरा दिया।”

उन्होंने कहा कि इस्राइल की सैन्य श्रेष्ठता है और दुनिया गाजा में उसके द्वारा मचाई जा रही तबाही को देख सकती है। सात अक्टूबर के हमलों के लिए हमास पर निशाना साधते हुए फैसल ने कहा, ”मैं हमास की ओर से जैसा कि उस पर आरोप लगाया जा रहा है किसी भी उम्र या लिंग के नागरिकों को निशाना बनाए जाने की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं। इस तरह का निशाना हमास के इस्लामी पहचान के दावों को झुठलाता है।

निर्दोष बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हत्या व पूजा स्थलों की बेअदबी की इस्लाम में है मनाही
उन्होंने कहा कि निर्दोष बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हत्या और पूजा स्थलों की बेअदबी की इस्लाम में मनाही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, इस्राइल के शहरों पर हमास के आश्चर्यजनक हमलों और क्रूर जवाबी कार्रवाई ने अब तक 5,800 से अधिक लोगों की जान ले ली है।

सऊदी प्रिंस ने हमास की आलोचना करते हुए कहा कि उसने “इजरायली सरकार को हमलों के लिए एक उच्च नैतिक आधार उपहार में दिया है” उन्होंने कहा, “मैं हमास की निंदा करता हूं कि उसने इस भयानक सरकार को गाजा को उसके नागरिकों से जातीय रूप से साफ करने का बहाना दिया और उन पर बमबारी की।”

सऊदी प्रिंस ने फलस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने के सऊदी अरब के प्रयास को विफल करने के लिए हमास की भी निंदा की। कई विशेषज्ञों ने कहा है कि गाजा में युद्ध के कारण रुके हुए इजरायल-सऊदी अरब संबंधों का सामान्यीकरण एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि थी, जिसके खिलाफ हमास ने अपने अभूतपूर्व हमले की योजना बनाई थी।

दो गलतियां साथ मिलकर सही नहीं बनाती हैं: सऊदी प्रिंस
सऊदी प्रिंस ने गाजा और वेस्ट बैंक में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने वाले जवाबी हमले के लिए इजरायल की आलोचना में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा “दो गलतियां साथ मिलकर सही नहीं बनाती हैं।” इस्राइल में हमास के हमले का वर्णन करने के लिए अमेरिकी मीडिया द्वारा “बिना उकसावे के हमले” का उपयोग करने का जवाब देते हुए, फैसल ने कहा, “इस्राइल ने तीन-चौथाई सदी तक फलस्तीनी लोगों के साथ जो किया है, उससे ज्यादा उकसावे की आवश्यकता क्या है?”

फलस्तीन में इस्राइल की कथित ज्यादतियों और नागरिकों की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”यह खूनखराबा बंद होना चाहिए।” उन्होंने तेल अवीव पर फलस्तीनियों की लक्षित हत्याओं और नागरिकों को जेल में डालने का आरोप लगाते हुए कहा, “मैं इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी भूमि की चोरी की निंदा करता हूं।”

सऊदी प्रिंस ने पश्चिमी राजनेताओं पर भी निशाना साधा कि जब फलस्तिनियों द्वारा इस्राइलियों की हत्या की जाती है तो वे “आंसू बहाते हैं”, लेकिन जब दूसरी ओर से ऐसा किया जाता है तो वे “दुख व्यक्त करने से भी इनकार” करते हैं।” उन्होंने कहा, “इस संघर्ष में कोई नायक नहीं है, केवल पीड़ित हैं।”

फैसल ने 24 साल तक सऊदी खुफिया एजेंसी अल मुखाबरात अल अम्माह का नेतृत्व किया और लंदन तथा अमेरिका में देश के राजदूत के रूप में भी काम किया। हालांकि वह फिलहाल किसी भी सार्वजनिक पद पर नहीं हैं, लेकिन इस बात की उम्मीद नहीं है कि उनकी टिप्पणी को सऊदी नेतृत्व का समर्थन नहीं है। इस पृष्ठभूमि में, इन टिप्पणियों को चल रहे युद्ध पर रियाद की स्थिति की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है।

 

 

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