रायबरेली : काबिलियत के बूते यूपी पुलिस को 56 मेडल दिलाने वाली सुधा वर्मा को खेल अभ्यास की अनुमति के लिए आइजी का आदेश भी ताक पर रख दिया गया। खिलाड़ी के खेल अभ्यास की संस्तुति के लिए आरआई, सीओ लाइन, एएसपी या एसपी को अधिकार प्राप्त हैं। इसके उलट आरआई ने महिला थाना प्रभारी को सुधा के खेल अभ्यास की संस्तुति के लिए आदेश जारी कर दिया, जिसका कोई मतलब ही नहीं।
कुश्ती, जूडो, तीरंदाजी और एथलेटिक्स में खेल प्रतिभा के बूते आधा सैकड़ा से ज्यादा मेडल दिलाने वाले सुधा वर्मा ने खेल अभ्यास के लिए आईजी से अनुमति मांगी। 12 जनवरी को आइजी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा की जाती है कि महिला आरक्षी के रायबरेली में खेल अभ्यास के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। आइजी के आदेश के बाद महकमे में हड़कंप तो मचा लेकिन सुधा को अब तक अनुमति नहीं दी गई।
नहीं दर्ज हुए बयान
महिला आरक्षी को खेल अनुमति न देने और घूस मांगने के आरोपों की जांच एएसपी वीरेंद्र यादव कर रहे हैं। लगभग एक सप्ताह गुजर चुका है लेकिन अब तक न तो आरक्षी के बयान दर्ज किए गए और न ही प्रतिसार निरीक्षक के।
कप्तान बेहतर, जरूर मिलेगा न्याय
सुधा वर्मा ने कहा कि आरआई आइजी के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करा रहे हैं। म री लाइन में आमद होती है और आरआई की संस्तुति से ही अभ्यास की अनुमति मिलनी है। नए कप्तान आए हैं, उनसे न्याय की पूरी उम्मीद है।
हमसे कोई मतलब नहीं
जब कोई आरक्षी थाने में तैनात होता है तो एसओ की संस्तुति आवश्यक होती है। लाइन से आरक्षी का कोई मतलब नहीं है। उसकी खेल अनुमति के लिए महिला थाना प्रभारी को लिखा गया है।
राजवीर ¨सह गौर, प्रतिसार निरीक्षक
खिलाड़ी है तो अनुमति जरूर मिलेगी
दो दिन पहले ही रायबरेली में ज्वाइ¨नग की है। प्रकरण संज्ञान में नहीं है। अगर सुधा अच्छी खिलाड़ी है तो उसे खेल अनुमति जरूर दी जाएगी।
अब्दुल हमीद, पुलिस अधीक्षक