अरब देशों के साथ अंतरिम सरकार पर चर्चा: हमास खात्मे के बाद गाजा में किसका होगा शासन

 

विदेश के शहर फिलिस्तीन में इजराइल गाजा में हमास के खात्मे के लिए लगातार हमले कर रहा है। इस बीच अमेरिका और इजराइल के अधिकारी गाजा पट्टी के भविष्य को लेकर चर्चा कर रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संसद में बताया कि सरकार इस मामले में कई विकल्पों पर चर्चा कर रही है।

ब्लिंकन ने कहा- हम पुरानी ढांचे पर वापस नहीं लौट सकते जब हमास गाजा पर शासन करता था। इजराइल भी गाजा पर कंट्रोल नहीं कर सकता है। ये बात उनके अधिकारियों ने खुद स्वीकारी है। ऐसे में हम दूसरे देशों के साथ मिलकर दूसरी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। इजराइली अधिकारियों ने भी कई बार कहा है कि वो गाजा पर कब्जा नहीं करना चाहते हैं।

 

 

अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने ब्लूमबर्ग को बताया- हम गाजा में अमेरिकी सेना को शांति बनाए रखने के लिए भेजने पर विचार नहीं कर रहे हैं। इस बात की भी उम्मीद बहुत कम है कि वेस्ट बैंक में मौजूद फिलिस्तीनी अथॉरिटी गाजा में सरकार चलाने के लिए तैयार होगी।

गाजा के आसपास के क्षेत्र में मौजूद देश सरकार चलाएं। इस दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस की सेनाएं निगरानी करेंगी। सरकार में शामिल देशों में सऊदी अरब और UAE जैसे अरब देशों को भी जोड़ा जा सकता है।

 

 

 

गाजा में मल्टीनेशनल फोर्स और ऑब्जर्वर ग्रुप की मदद से एक शांति सेना तैनात की जा सकती है, जो फिलहाल इजराइल-मिस्र बॉर्डर पर मौजूद सिनाई पेनिनसुला में तैनात है। ये फोर्स इजराइल और मिस्र के बीच समझौते को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। मल्टीनेशनल फोर्स और ऑब्जर्वर में करीब 13 देशों के सैनिक हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे देश शामिल हैं।

आखिरी ऑप्शन जिस पर विचार किया जा रहा है वो ये है कि UN की निगरानी में गाजा में एक अस्थायी सरकार का गठन हो। इससे फिलिस्तीनियों की मदद के लिए जारी UN की गाइडलाइन्स का भी ठीक से पालन हो पाएगा। हालांकि, कुछ अधिकारियों के मुताबिक, इजराइल इस विकल्प के पक्ष में नहीं है।

 

 

 

दरअसल, UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कुछ दिन पहले कहा था कि हमास के हमलों की सजा सभी फिलिस्तीनियों को मिलना सही नहीं है। इस बयान के बाद इजराइल भड़क गया था। इजराइली प्रतिनिधि ने गुटेरेस के इस्तीफे की मांग की थी। UN में इजराइल के एम्बेसडर गिलाद इरदान ने घोषणा की थी कि इजराइल UN अधिकारियों को वीजा नहीं देगा।

अमेरिका के कई पूर्व अधिकारी और दूसरे संगठन इजराइल और अमेरिका के साथ गाजा में सरकार को लेकर चर्चाएं कर रहे हैं। वॉशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी ने कहा कि गाजा में एक अंतरिम फिलिस्तीनी सरकार का गठन किया जा सकता है। इस दौरान UN की देखरेख में गाजा में मानवीय मदद पहुंचाना जारी रखा जाएगा।

 

 

 

वहीं वॉशिंगटन इंस्टीट्यूट स्कॉलर्स ने 17 अक्टूबर को एक नोट लिखकर कहा- गाजा में कानून की स्थापना के लिए उन 5 अरब देशों का एक संघ बनाया जा सकता है, जिनके इजराइल के साथ भी शांति समझौते हो चुके हैं। इनमें मिस्र, जॉर्डन, UAE, बहरीन, मोरक्को जैसे देश शामिल हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा- गाजा में एक लॉन्ग टर्म समाधान ढूंढना बेहद जरूरी है। वहां एक प्रभावी सरकार की जरूरत होगी, जो कानून व्यवस्था को बहाल कर सके। दरअसल, गाजा में सरकार से जुड़े तीनों विकल्प अमेरिका और गल्फ देशों के लिए राजनीतिक चुनौती पैदा कर सकते हैं।

 

 

 

बाइडेन के मुताबिक, गाजा में अमेरिकी सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी को भी नुकसान पहुंचा तो ये भी राजनीतिक तौर पर खतरनाक हो सकता है। साथ ही इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि अरब देश गाजा की सरकार में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार होंगे या नहीं।

बाइडेन सरकार का मानना है कि आखिर में एक अलग फिलिस्तीनी देश ही इस पूरे मसले को खत्म कर सकता है, लेकिन उस मुकाम तक कैसे पहुंचा जाए, फिलहाल इससे जुड़ी कोई चर्चा नहीं की गई है।

 

 

 

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