युवा जागरण से ही राष्ट्र का जागरण संभव 

गायत्री शक्ति पीठ पर चल रहे विभिन्न अनुष्ठानों का हुआ समापन
समापन पर 5100 दीप जलते ही जगमग हो गया शक्तिपीठ
राठ।गायत्री शक्तिपीठ पर चल रहे राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ का रविवार शाम दीपोत्सव और सांस्कृतिक कलामंचीय कार्यक्रम के बाद समापन हो गया। टोली नायक योगिराज बल्कि ने कहा कि युवा जागरण से ही राष्ट्र का जागरण संभव हो सकेगा। हमारा देश 65 करोड़ युवाओं से भरा हुआ है। जिनमें अध्यात्म का जागरण गायत्री परिवार संस्था द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कराया जा रहा है। गोपाल मालवीय ने गायत्री साधना को सर्वोत्तम साधना बताया। कहा कि गायत्री साधना से तन, मन पवित्र होता है।
मुख्य ट्रस्टी जिला समन्वयक चंद्र शेखर मिश्र ने परिजनों को दिव्यात्मा बताया और कहा कि परम पूज्य गुरुदेव ने युग निर्माण जैसे महान उद्देश्य के लिए चुना है। प्रोफेसर सरजू प्रसाद ने कहा कि गुरुदेव ने गायत्री माता व यज्ञ को घर घर स्थापित कर सनातन संस्कृति को पुनर्भाषित करने का पुनीत कार्य किया। ब्रहमानंद महाविद्यालय के प्राचार्य डा.सुरेंद्र सिंह ने कहा श्रीराम शर्मा आचार्य  जैसे विरले लोग हैं जिन्होंने करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव के लिए कार्य किया है। इस अवसर पर 5100 दीपकों के वेद मंत्रों के साथ प्रज्वलित कराने से समूचा शक्तिपीठ प्रांगण दैदीप्यमान हो उठा। कार्यक्रमों का उदघाटन डा.राकेश शर्मा, तेज बहादुर मिश्र एवं केके व्यास मौदहा ने दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम में मातृ वंदना, जटायु का बलिदान, उदघाटन निमंत्रण, एक्सन सोंग, भक्तिगीत, देश गान, चंद्र यान यात्रा समेत अनेक कार्यक्रम बच्चों ने प्रस्तुत किए। जिसे खूब सराहा गया। कार्यक्रमो का निर्देशन डा. लक्ष्मण लाल त्रिपाठी ने किया। संचालन डा. मनीषा त्रिपाठी, डा. कमलेश गुप्त ने किया। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में लोग रहे।
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