सबसे बड़ा सड़क हादसा: सवारियों से भरी बस 300 फुट नीचे गिरी; 39 लोगों की मौत व 16 घायल

 

 

जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे बड़े सड़क हादसे में 39 लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 घायल हो गए। घायलों में चार की हालत गंभीर है। हादसा किश्तवाड़-जम्मू हाईवे पर डोडा जिले के अस्सर के पास बुधवार को सुबह उस वक्त हुआ जब किश्तवाड़ से जम्मू आ रही सवारियों से भरी बस 300 फुट नीचे पुराने जम्मू-किश्तवाड़ हाईवे की सड़क पर गिर गई।

इससे पहले 2019 में किश्तवाड़ के संगवारी इलाके में मिनी बस के खाई में गिरने से 35 की मौत व 17 घायल हो गए थे। पुलिस ने बताया कि सुबह सवारियों से भरी बस (नंबर जेके02 सीएन 6555) किश्तवाड़ से जम्मू के लिए चली थी। सुबह 11.50 बजे यह बस अस्सर के त्रंगल पुल के पास पहुंची और वहां एक तीखे मोड़ पर 300 फीट नीचे सड़क पर जा गिरी।

 

 

 

जिस वक्त यह हादसा हुआ उसमें 55 यात्री सवार थे। दुर्घटनास्थल पर ही 36 सवारियों की मौत हो गई, जबकि 19 घायलों को स्थानीय निवासियों, पुलिस तथा सेना की मदद से मौके से निकाला गया। इनमें गंभीर रूप से घायल छह लोगों को एयरलिफ्ट कर सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू व डोडा रेफर किया गया। जम्मू में दो घायलों की मौत हो गई। एक घायल को जम्मू लाते समय उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार यह बस जर्जर थी और इसमें क्षमता से अधिक सवारी थे। इसी वजह से यह दुर्घटना हुई।

सड़क हादसे के चलते जिले में बुधवार को मातम छाया रहा। हादसे की खबर मिलते ही भारी संख्या में लोग घटनास्थल की तरफ रवाना हो गए। स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस और अन्य चिकित्सा सहायता मौके पर भेजी। सेना और पुलिस के साथ बचाव कार्य में लोगों ने भी मदद की। घायलों को जीएमसी डोडा पहुंचाया गया। बस की तेज रफ्तार, ओवरलोडिंग और ओवरटेकिंग हादसे के तीन प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।

 

 

 

किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों में सैकड़ों ऐसे हादसे पेश आए हैं, जिनमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई। किश्तवाड़ के पाडर में 2005 में, वरड़ा में 2008 में हुए हादसे के अलावा ठाठरी, द्रबशाला, भंडारकूट सहित अनेक जगहों पर हादसे हुए। बुधवार को हुए हादसे में 39 लोगों की मौत से कई घरों के चिराग बुझ गए।

जिला किश्तवाड़ का कोई भी ऐसा मार्ग नहीं जो चिनाब नदी, मरुसूधर नदी या अन्य नालों के साथ न लगता हो। यहां खाइयां बहुत ही गहरी हैं। बुधवार को हुआ हादसा भी चिनाब नदी के किनारे हुआ, लेकिन बस पुराने मार्ग पर आ गिरी, जिस कारण सभी शव बरामद हो गए। अगर बस नदीं में गिरती तो शायद ही कोई शव मिल पाता।

 

 

डोडा उपायुक्त हरविंदर सिंह ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन ने क्रैश बैरियर को तोड़ा, फिर 300 फीट नीचे जा गिरा। वाहन गलत साइड में चलाया जा रहा था, जिसकी वजह से दुर्घटना हुई। यह भी संभव है कि वाहन सही तरीके से नहीं चलाया जा रहा हो। वाहन के सभी तथ्यों की जांच की जाएगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मरने वाले कुछ लोगों की पहचान हो चुकी है और उनके शव परिवार वालों को सौंप दिए गए हैं।

डोडा जिले के अस्सर में हुए सड़क हादसे की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी बनाई गई है। मंडलायुक्त रमेश कुमार की ओर से गठित कमेटी में एडीसी डोडा डॉ. रवि कुमार भारती, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग डोडा और एआरटीओ डोडा को रखा गया है। कमेटी को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। कमेटी सड़क हादसे के कारण का पता लगाएगी जिसमें हादसा कैसा हुआ, किन हालात में हुआ इसकी जानकारी होगी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जबसे सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है, तबसे हादसे बढ़ गए हैं। हालांकि जिस जगह हादसा पेश आया, वहां पर सड़क बहुत चौड़ी है। लोगों के मुताबिक बस ओवरटेक कर रही थी। पिछले कई वर्षों से लगातार हादसे पेश आ रहे हैं। हादसे के बाद मात्र घोषणाएं ही होती हैं। सड़क के किनारे बेरीकेड, पैराफिट या फिर कोई अन्य सुरक्षा उपकरण लगाने की बात करते हैं परंतु ऐसा जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा है। जहां कहीं बेरीकेड लगाए भी गए हैं तो वह एक फुट से अधिक नीचे नहीं लगाए जाते हैं।
सड़क की हालत भी खस्ता है। सुबह से लेकर शाम तक किश्तवाड़ से बटोत तक वाहनों की गति तेज होती है। साथ ही ओवरलोड होते हैं। लोगों ने यातायात विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं करती। जगह-जगह नाके लगे होते हैं, लेकिन वहां कोई जांच नहीं होती। नाकों पर वाहन की गति कम कर दी जाती है, जैसे ही नाका पार होता है, वैसे ही गति बढ़ा दी जाती है।

 

 

सूत्रों के अनुसार, किश्तवाड़ बस स्टैंड से बस सुबह साढ़े 8 बजे जम्मू के लिए रवाना हुई, इसमें कुल 18 सवारियां बैठी थीं। इस बस को पाडर (गुलाबगढ़) से बुधवार सुबह निकलना था, लेकिन मंगलवार रात पाडर न जाते हुए वस किश्तवाड़ में ही रुकी। पाडर के लिए कोई सवारी नहीं मिली थी। बुधवार सुबह सवा 8 बजे से सवारियां बिठानी शुरू कर दीं और लगभग 20 मिनट में ही 18 सवारियां लेकर जम्मू के लिए बस रवाना हो गई। उसके बाद यहां से लेकर अस्सर डोडा तक 55 सवारियां बिठा दी गईं।

 

 

 

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