अधिकारियों का लिखित आश्वासन भी साबित हुआ है झूठा – प्रवीण पांडेय

-विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग निर्माण के लिए शुरू किया डिजिटल सत्याग्रह
– निर्माण के लिए अब ग्रामीणों द्वारा मांगा जा रहा जवाब

खागा, फतेहपुर। हसवा विकास खंड के नरैनी गांव में बीते अक्टूबर महीने में सड़क के लिए सत्याग्रह चल रहा था। अनशन समाप्त कराने गए उपजिलाधिकारी सदर प्रभाकर त्रिपाठी तथा अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण अनिल कुमार शील ने अनशनकारियों को विश्वास दिलाया था कि सड़क का निर्माण बहुत जल्दी होगा। विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग निर्माण के लिए नरैनी कस्बा में चल रहे अनशन के दौरान अधिकारियों ने लिखित आश्वासन दिया था कि 12 नवंबर तक शासन से बजट मिल जाएगा। समय सीमा बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई सकारात्मक प्रयास नहीं हुआ। अधिकारियों, राजनेताओं के आश्वासन छलावा साबित होने के बाद अब क्षेत्र के लोग जन सूचना कानून का सहारा ले रहे हैं। सत्याग्रह के संयोजक धर्मेंद्र दीक्षित, सह संयोजक आशु सिंह के नेतृत्व मे आगामी दिनों की रणनीति बन रही है । क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में रहने वाले ग्रामीणों ने जनसूचना के तहत सड़क निर्माण में आ रही रुकावट के बारे में शासन-प्रशासन से जवाब मांगा है। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने बताया कीजनता के हितैषी होने का ढोंग रचने वालों की हकीकत सामने आ चुकी है। अधिकारियों का लिखित आश्वासन भी झूठा साबित हुआ है। सड़क निर्माण प्रत्येक दशा में शुरू होगा, इसके लिए चाहे जो बलिदान करना पड़े।
डिजिटल माध्यम से शुरु किया अभियान
अब जन सूचना अधिकार को हथियार बनाकर जिम्मेदारों से दो-दो हाथ की तैयारी में हैं। नरैनी, मोगरिहापुर, शाहजहांपुर सेलरहा, इटोलीपुर, अकबरपुर बड़वा आदि गांवों में रहने वाले ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में देरी का कारण पूछते हुए जवाब मांगा है। विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग की हालत पैदल चलने लायक नहीं बची है। वाहनों के निकलने पर उड़ने वाली धूल से लोग बीमार पड़ रहे हैं। कारोबार पर विपरीत प्रभाव के कारण लोग दूसरे शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
इनसेट-
अनिल कुमार शील, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग
मुख्यमंत्री कार्यालय से फाइल आने वाली है। फाइल में कार्यालय द्वारा लगाई गई आपत्ति का जवाब देकर बजट मांगा जाएगा। जैसे ही बजट प्राप्त होता है, निर्माण आरंभ होगा।

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