अल-शिफा अस्पताल खाली करने के लिए दिया 1 घंटे का समय: अस्पताल में ICU के सभी मरीजों की हुई मौत

 

विदेश के शहर फिलिस्तीन में हो रही इजराइल -हमास जंग के बीच इजराइली सेना ने डॉक्टरों और मरीजों को अल-शिफा अस्पताल खाली करने के लिए 1 घंटे का समय दिया है। कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा से बात करते हुए इस अस्पताल के एक डॉक्टर ने ये दावा किया है। हालांकि, IDF ने इन दावों को खारिज कर दिया है।

दूसरी तरफ, अस्पताल में 4 प्रीमैच्योर नवजातों के साथ ही करीब 40 मरीजों की भी मौत हो गई है। अलजजीरा के मुताबिक, गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि वो अस्पताल के ICU में मौजूद सभी मरीजों को खो चुके हैं। अस्पताल में सुविधाओं और खासकर फ्यूल की कमी की वजह से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है।

 

 

इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि वो हमास के खात्मे के लिए कहीं तक भी जाएगी। IDF के प्रवक्ता ने कहा- हमास जहां भी मिलेगा, हम वहां जाकर उसे मिटाएंगे, फिर चाहे वो गाजा पट्टी का दक्षिणी हिस्सा ही क्यों न हो। इससे पहले गुरुवार को साउथ गाजा के खान यूनिस में सेना ने पर्चे गिराकर लोगों को शहर खाली करने को कहा था।

वहीं UN के मानवीय मामलों के चीफ मार्टिन ग्रिफिथ ने कहा- हमारी मांग बहुत ही सरल है। जंग को रोक दें ताकि आम नागरिक सुरक्षित जगहों पर जा सकें। आप चाहें इसे जो समझें लेकिन ये सिर्फ मानवीय कारणों से कहा जा रहा है। हम चांद नहीं मांग रहे हैं। हम सिर्फ कुछ बुनियादी बदलावों की मांग कर रहे हैं, जिससे नागरिकों की जान बचाई जा सके।

 

 

 

इससे पहले शुक्रवार रात इजराइली कैबिनेट ने अहम फैसला किया। इसके तहत गाजा में हर दिन 2 फ्यूल टैंकर भेजे जाएंगे। इजराइल की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के चेयरमैन जाची हांगेबी ने कहा- अमेरिका ने फ्यूल के बारे में यह अपील की थी। इसका इस्तेमाल UN के कामों, पानी और सीवेज सिस्टम को बनाए रखने के लिए किया जाएगा।

दूसरी तरफ, अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया है कि इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने कुछ पत्रकारों को गाजा के अस्पतालों का दौरा कराया है। हालांकि, IDF ने उनसे कहा कि कई जगह फायरिंग हो रही है, लिहाजा वो हर हिस्से में नहीं जा सकते।

 

 

 

IDF ने शुक्रवार को शक होने पर नॉर्थ गाजा के एक डे-केयर सेंटर पर छापा मारा। सैनिक उस वक्त हैरान रह गए, जब इस सेंटर के अलग-अलग हिस्सों से अनगिनत हथियार बरामद हुए। इनमें हजारों गोलियां, हैंड ग्रेनेड और ड्रग्स तक बरामद हुए।

इजराइली फौज ने बाद में इसके फोटोग्राफ्स भी रिलीज किए। IDF के मुताबिक- इस सेंटर का नाम अल कार्मेल स्कूल ऑफ गाजा है। कुछ हथियारों की पहचान हो चुकी है और यह ईरान में बने हैं। इसके अलावा कुछ ड्रोन्स के पार्ट्स भी मिले हैं।

 

 

 

इजराइल की फौज तीन दिन से इजराइल के अस्पतालों पर कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार को IDF ने कुछ जर्नलिस्ट्स को गाजा के सबसे बड़े मेडिकल कॉम्पलेक्स अल शिफा का दौरा भी कराया। हालांकि, मीडिया रात के वक्त यहां पहुंचा और वो भी कुछ खास हिस्सों तक।

इस दौरान वहां टनल नेटवर्क के कुछ खास हिस्से साफ देखे गए। इनमें कुछ शाफ्ट लगे थे और इसी के साथ सीढ़ियां भी थीं। इनके जरिए ही सुरंगों के अंदर पहुंचा जाता था। इजराइल के एक कमांडर ने कहा कि कुछ जगह फायरिंग चल रही है, लिहाजा वहां जाना खतरनाक साबित हो सकता है।

 

 

 

इजराइल-हमास जंग के बीच फिलिस्तीनियों के हक की पैरवी करने वाले सऊदी अरब के मक्का-मदीना में गाजा के लिए प्रार्थना करने पर लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है। मीडिया हाउस मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ब्रिटिश एक्टर इस्लाह अब्दुर-रहमान मक्का में फिलिस्तीनी स्कार्फ पहनकर पहुंचा था।

तभी सऊदी की पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ की गई और फिर स्कार्फ दोबारा न पहनने की समझाइश देकर छोड़ दिया गया। वहीं, नेतन्याहू ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि वो गाजा में नागरिकों की मौत के आंकड़े को कम करने में नाकाम रहे हैं।

 

 

 

नेतन्याहू ने कहा- इसके लिए हमास ही जिम्मेदार है। उसे फिलिस्तीनियों की परवाह नहीं और वो उन्हें जंग में घसीटता रहता है। इजराइल फिलिस्तीनियों की सुरक्षा के लिए उन्हें लगातार खतरे वाली जगहों से दूर जाने का मैसेज दे रहा है।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में अल-शिफा अस्पताल में इजराइली सेना की घुसपैठ की वजह बताई। उन्होंने कहा- हमें काफी ठोस संकेत मिले थे कि हमास ने कुछ बंधकों को अस्पताल में छिपाया है।

 

 

 

नेतन्याहू ने CBS न्यूज को बताया कि बंधकों के बारे में इजराइली इंटेलिजेंस को जानकारी मिली थी। हालांकि, प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि इजराइली सेना की घुसपैठ से पहले ही हमास ने बंधकों को अल-शिफा अस्पताल से निकाल कर कहीं और शिफ्ट कर दिया।

वहीं, IDF ने बताया है कि अल-शिफा अस्पताल के पास की एक इमारत से किबुत्ज बेरी से बंधक बनाई गई 65 साल की महिला का शव मिला है। महिला का नाम यहूदित वीज बताया गया है। IDF को उसके शव के पास से AK-47 जैसे हथियार भी मिले हैं। इजराइली हमले में गाजा में मौजूद फिलिस्तीनी संसद भी तबाह हो चुकी है।

 

 

 

हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।

वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।

 

 

 

मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।

गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।

 

 

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.