अपनी मांगों को लेकर मछुआरों ने किया धरना प्रदर्शन

फतेहपुर। मछुआरा कल्याण समिति द्वारा मछुआरों की समस्याओं को लेकर नहर कॉलोनी परिसर में विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसमें धरने का नेतृत्व राधा निषाद ने किया। इस दौरान राधा निषाद ने अपने संबोधन में बोलते हुए कहा की यमुना, गंगा नदी के किनारे बसे मछुआरा, निषाद केवट जिनका मुख्य व्यवसाय नाव द्वारा मछली पकड़ना है। नदियों में नीलामी ठेकेदारों को कर दिए जाने से इन समुदाय के लोगों का शोषण होता है। इनके द्वारा पकड़ी गई मछलियों को ठेकेदारों द्वारा 5, छह रुपए किलो जबरिया ले ली जाती हैं तथा 10 किलो मछलियों में 3 किलो बट्टा काटकर 7 किलो मछली का ही दाम दिया जाता है। शिकायत करने पर माफियाओं द्वारा पुलिस से सांठ गांठ करके उत्पीड़न के कार्रवाई की जाती है यदि कोई मछुआरा जुल्म के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे क्षेत्र में रहने तक नहीं दिया जाता। इन लोगों ने मांग किया की नदियों का ठेका समाप्त करके सरकारी कांटा लगाकर उचित दामों पर मछुआरों से मछलियों की खरीद की जाए। मछली पकड़ने में बहुत जोखिम होता है इसलिए मछुआरों का परिचय पत्र बनाकर इनका व उनकी मछली पकड़ने वाली नाव का बीमा सरकारी तौर पर किया जाए। नदियों के किनारे एहत माली वाली भूमि में प्राथमिकता के आधार पर मछुआरों का खेती करने का विधिक अधिकार दिया जाए। मछुआरा समुदाय को किसी भी अत्याचार उत्पीड़न से बचाने के लिए सामाजिक सुरक्षा दिया जाए नदियों के किनारे सभी प्रकार की जल जमीन जंगल में मछुआरों को मालिकाना हक दिया जाए। मछुआरों को झोपड़पट्टी में रहने की दशा को देखते हुए उन्हें सरकारी आवास दिए जाएं। मछुआरा समुदाय के लोगों को नदियों के जल तक आने-जाने व नाव खड़ी करने व जानवरों को लाने व ले जाने में किसी प्रकार की रुकावट ना हो यदि कोई रुकावट करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किया जाए। जनपद फतेहपुर के जो मछली माफिया हैं उनके लाइसेंस निरस्त करके उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए तथा इन माफियाओं से मुक्त कराया जाए तथा समितियाों की जांच कराई जाए। मछली माफिया द्वारा हो रहे मछुआरे के उत्पीड़न को रोका जाए और बिचौलियों माफिया के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर नरेश निषाद, बसंत लाल निषाद, सौतन निषाद, भारत, कमलेश, रामखेलावन, श्रीचंद, बराती लाल, जगदंबा, राम लखन, जयकरण, गुड्डू, नरेश, प्रकाश, धर्मराज, गुलाब, लल्लन, धनराज, रामचंद्र, मलखान, सुखलाल, रामबाबू, छोटा, सकोल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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