इंदौर के एक प्राइवेट स्कूल में हैरान करने वाली घटना हुई। मामला गरिमा विद्या विहार स्कूल का है। यहां चौथी क्लास के एक स्टूडेंट को चार छात्रों ने कंपास (जिसमें पेंसिल फंसाकर सर्किल बनाया जाता है) से 108 बार गोद दिया। बताया जा रहा है कि क्लास में खेल-खेल में छात्रों के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद पीड़ित छात्र पर उसके साथियों ने हमला कर दिया।
पीड़ित छात्र के पिता ने स्कूल मैनेजमेंट और चार छात्रों के खिलाफ एरोड्रम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पीड़ित छात्र की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। हालांकि वह घबराया हुआ है और कुछ भी साफ-साफ नहीं बता पा रहा है।
सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) विवेक सिंह चौहान ने बताया कि शिकायत मिलने पर पीड़ित बच्चे की मेडिकल जांच कराई गई है। डॉक्टर ने उसे टिटनेस के इंजेक्शन लगाए हैं और उसका इलाज जारी है। ACP चौहान ने कहा- घटना से जुड़े सभी बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं। इस मामले में कानूनी प्रावधानों के तहत उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
पीड़ित बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया है कि स्कूल मैनेजमेंट क्लास के सीसीटीवी फुटेज देने से बच रहा है। घटना के वक्त स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी, इसलिए पीड़ित बच्चे के पिता ने अगले दिन स्कूल की टीचर्स से बात की। पिता को प्रिंसिपल लता शर्मा (बागोरा) के परिवार में किसी के बीमार होने का हवाला दिया गया।
इस पर पीड़ित बच्चे की मां ने खुद ही जानकारी जुटाई। जिसके बाद टीचर्स ने हरकत करने वाले बच्चों के माता-पिता को बुलाया। इधर, पीड़ित बच्चे के परिवार ने स्कूल टीचर्स से घटना के सीसीटीवी फुटेज दिखाने की बात कही तो उन्होंने बताया कि घटना के दौरान कैमरे खराब थे।
पिता ने कहा कि 24 नवंबर को बेटे को स्कूल लेने गया तो वह पहले से ही बाहर बैठा हुआ था। डरा सा था और दोनों हाथ पेट पर रखे हुए था। पूछने पर बोला- बहुत जोर से दर्द हो रहा है। कारण पूछा तो पहले चुप रहा। घर आने पर भी रुआंसा घूमता रहा। जब उससे कारण पूछा तो कह दिया कि क्लास के चार छात्रों ने पैरों और पेट के पास नुकीला कंपास घुसाया है। पेट में भी कई बार घूंसे मारे। माता-पिता ने उसकी पैंट निकाली तो होश उड़ गए। पूरा पैर गोदा हुआ था।
पिता ने बताया कि बच्चे के पंजे के ऊपर से लेकर उसके शरीर पर मोटी सूई से गोदने जैसे सवा सौ से ज्यादा घाव थे, जबकि उनमें से 108 तो गहरे थे। उन्होंने पैंट देखी तो अंदर भी कई जगह खून लगा था। पूछने पर बच्चे ने बताया कि लड़ाई का कोई कारण नहीं था। घटना के दौरान जिस टीचर का पीरियड था वह नहीं आया था। इस दौरान बच्चे खेल रहे थे। तभी आपस में विवाद हो गया और चार साथियों ने हमला कर दिया।
पीड़ित के पिता ने बताया- मेरे पास एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है। इसमें बेटे पर हमला करने वाला एक छात्र खुद को निर्दोष बता रहा है और बाकी के तीन साथियों के नाम ले रहा है। छात्र ने बताया कि उन्होंने किस तरह मेरे बेटे के पैर पर बार-बार कंपास घुसाकर निकाले और घाव करते गए।
CWC (चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी) की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल ने बताया कि यह मामला चौंकाने वाला है। हमने पुलिस से इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है ताकि पता लगाया जा सके कि इतनी कम उम्र के बच्चों के इस हिंसक बर्ताव की वजह क्या है?’
पोरवाल ने कहा कि CWC घटना से जुड़े सभी बच्चों और उनके परिजन की काउंसलिंग करेगी और पता लगाएगी कि क्या बच्चे हिंसक दृश्यों वाले वीडियो गेम खेलते हैं?
पीड़ित बच्चे के पिता ने हमला करने वाले एक बच्चे के परिवार को फोन लगाया तो उन्होंने अपने बच्चे से बात कराई। उस बच्चे ने विवाद में खुद के शामिल होने से इनकार किया, लेकिन उन तीन साथियों के नाम बताए जो साथ में थे। बच्चे ने बताया कि वे बार-बार साथी छात्र के पैंट के ऊपर से कंपास घुसाते और निकालते रहे। ऐसा उन्होंने कई बार किया।
छात्र ने यह भी बताया कि साथियों ने उस पर क्लास में ही हमला किया तब कोई टीचर नहीं थीं। हमला करने के दौरान बच्चा बहुत रो रहा था। इनमें से एक बच्चे ने तो उस पर कई बार हमला किया। बात करने वाले बच्चे ने सफाई दी कि मैं कंपास ही नहीं रखता हूं।
पीड़ित बच्चा ज्यादा कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। सवाल करने पर वह बताता है कि मुझ पर किन छात्रों ने हमला किया और मुझे काफी दर्द था। इसके अलावा वह अभी परिवार में किसी से ज्यादा बात नहीं कर रहा है। परिवार के मुताबिक वह अभी डिप्रेशन में है, जिससे उबरने में काफी समय लगेगा।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले की जानकारी भी तब लगी, जब परिजन ने बच्चे को स्कूल में गुमसुम देखा। जबकि स्कूल प्रबंधन को तो इसकी जानकारी भी नहीं थी। रविवार को स्कूल प्रबंधन के सदस्य पीड़ित बच्चे के घर पहुंचे। उन्होंने पिता से कहा कि जो घटित होना था हो चुका, उसका बहुत अफसोस है।
इसके साथ ही समझौता करने पर दबाव बनाया, लेकिन परिवार ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे हर हाल में स्कूल प्रबंधन और हमला करने वाले छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहेंगे। परिवार ने कहा कि वे स्कूल की मान्यता समाप्त करने को लेकर भी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
पीड़ित बच्चे के पिता का क्षेत्र में ही खुद का स्कूल है। पूर्व में वे सुदामा नगर में रहते थे और पिछले साल ही मॉडर्न सिटी में स्थित मकान में रहने आए हैं। उनकी छोटी बच्ची भी इसी स्कूल में पढ़ती है। दोनों को पिता ही रोज छोड़ने और लेने जाते हैं। घटना के बाद छोटी बहन भी भाई की हालत देखकर बहुत घबराई हुई है। अब दोनों उस स्कूल में नहीं जाना चाहते हैं। इस मामले में हमने स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की, लेकिन वे तैयार नहीं हुए।
.