सर्वधर्म सद्भाव के अग्रदूत गुरूनानक देव जी का प्रकाशोत्सव श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया

सतगुरू नानक प्रगट्या,मिटी धुंध, जग चानन होआ

 

न्यूज़ वाणी

ब्यूरो संजीव शर्मा

 

न्यूज़ वाणी इटावा। गुरुद्वारा श्री गुरुतेग बहादुर साहिब में हिन्दुओं के गुरू मुसलमानों के पीर गुरूनानक शाह फकीर ‘‘सर्वधर्म सद्भाव के अग्रदूत’’ मानवता के उपासक श्री गुरूनानक देव जी का प्रकाशोत्सव बड़ी ही श्रद्धा उल्लास व धूमधाम के साथ मनाया गया।पिछले पंद्रह दिनों से प्रकाशोत्सव पर्व को मनाने की तैयारियों चल रही थीं,नगर में प्रभात फेरी,शबद कीर्तन का गायन प्रारम्भ हो गया तथा साथ ही साथ गुरुद्वारा में श्री अखण्ड पाठ साहिब की श्रृंखला प्रारम्भ हो गयी थी, जिसका कि समापन आज अर्धरात्रि प्रकाशोत्सव के पश्चात शबद कीर्तन व कवि दरबार के साथ ही गुरूद्वारा में हुआ तथा बहुत ही आकर्षक आतिशबाजी की गयी।

 

 

 

श्री गुरुनानक जन्मोत्सव पर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब गुरुद्वारे में पहुंचे एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने मत्था टेक कर संगत को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरूनानक देव जी के उपदेशों से प्रेरित सिख समाज के द्वारा की जाने वाली सेवा चाहे युद्ध का क्षेत्र हो,खेल का क्षेत्र हो,देश की सेवा हो जिस पर सम्पूर्ण सिख समाज के लोग हिम्मत,लगन और मेहनत के साथ समर्पित होकर कार्य करते हैं।उन्होंने गुरुगोविंद सिंह की पंक्तियां चिडियन ते में बाज तुड़ाऊं,सवा लाख से एक लड़ाऊं,तबई गुरु गोविन्द सिंह नाम कहाऊँ सुनाकर संगत में ऊर्जा का संचार कर दिया जिससे पूरा गुरुद्वारा बोले सो निहाल के नारों से गुंजायमान हो गया।उन्होंने सभी को श्री गुरुनानक देव जी के जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दीं।गुरुद्वारा प्रबंध समिति की ओर से एसएसपी संजय वर्मा को सरदार हरजीत सिंह कालड़ा और तरनपाल सिंह कालड़ा ने सरोपा,शॉल व श्री गुरुनानक जी की तस्वीर भेंट कर स्वागत किया।

 

 

 

 

गुरूद्वारा कमेटी श्री गुरु सिंह सभा गुरूद्वारा गुरमति प्रचार सभा इटावा के पूर्व अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह कालड़ा ने गुरुद्वारा में अपने सम्बोधन में बताया कि गुरुनानक साहिब ने मनुष्य के लिये समानता का रास्ता बनाया,उन्होंने समझाया कि हम सब एक पिता के बच्चे हैं, इसलिये हम सब बराबर हैं,मनुष्य को हिन्दू-मुसलमान में बाँटना वर्ण में बॉटना ऊँच-नीच समझना बहुत बड़ा अधर्म है,गुरु साहिब ने संगत व पंगत की परम्परा को चलाकर मानवता को एकता व बराबरी का प्रचार किया और गुरुग्रन्थ साहिब में अंकित किया।उन्होंने कहा “अब्बल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बन्दे,एक नूर ते सब जग उपजया कौन भले को मन्दे” समाज व धर्म की सभी बुराईयों के प्रति सचेत भी किया व गुरूनानक देव जी ने मानव सेवा को सर्वश्रेष्ठ सेवा कहा।उन्होंने बताया कि श्री गुरुनानक देव जी के उपदेश श्री गुरुग्रन्थ साहिब में अंकित हैं,भाषा बहुत ही सरल सहज व बोधगम्य है।

 

 

 

गुरूनानक साहिब की वाणी में निर्मल और शीतल विचारों व भावों का प्रवाह है।मनुष्य की हर समस्या जैसे चिन्ता,दुविधा,निराशा,असफलता, डर,अहंकार आदि का हल श्री गुरुग्रन्थ साहिब में दर्ज है। उन्होंने कहा कि श्री गुरुग्रन्थ साहिब में अंकित वाणी केवल सिखों का ही मार्गदर्शन नहीं करती बल्कि सारी मानवता को सही दिशा देने में समर्थ है।श्री गुरुग्रन्थ साहिब में किसी धर्म को नकारा नहीं गया है बल्कि यह पावन ग्रन्थ अपने अकीदे पर अमल करने की सभी को प्रेरणा देता है।हम सबका पुनीत कर्तव्य है कि हम श्री गुरूनानक देव जी द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्तों उपदेशों व शिक्षाओं का अनुसरण करके मानव कल्याणार्थ एवं सर्वांगीण विकास हेतु संकल्प लें,जिससे कि आज के अशांन्तिपूर्ण वातावरण में श्री गुरूनानक देव जी की समस्त मानवता के साथ प्यार व सर्वसांझीवालता सिखलाने वाली अमर वाणी को हम सार्थक सिद्ध करने में पूर्णरूपेण सक्षम हो सकें।उन्होंने कहा “न को बैरी नाहि बेगाना,सगल संग हमको बन आयी”।

 

 

 

 

गुरुपर्व पर सोमवार को गुरूद्वारा तेगबहादुर साहिब में सुबह से ही माथा टेकने वाले भक्तों,स्त्री व बच्चों का तांता लगा हुआ था।गुरूनानक जयन्ती पर सभी समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारा आकर माथा टेका आपसी भाईचारे पर एकता का सन्देश दिया।इस अवसर पर जगजोत,अंतरप्रीत,उत्तम कौर, परविंदर कौर,प्रिंसी कौर,जपजी कौर,सिमरन कौर व दिलप्रीत कौर द्वारा प्रस्तुत गुरुवाणी समूह शबदगान ने सभी संगत को मंत्र मुग्ध कर दिया।गुरुद्वारा के मुख्य ग्रन्थी भाई गुरदीप सिंह व साथियों ने कीर्तन तथा अन्य विद्वानों, कथाबच्चों ने प्रवचन द्वारा संगतों को निहाल किया।उन्होंने अपने प्रवचन में बताया कि श्री गुरुनानक देव जी का पैगाग जन जन एवं सम्पूर्ण विश्व के लिए था।उन्होंने कहा कि सभी को गुरुओं के बताये मार्ग व आदशों पर चलना चाहिये।

 

 

 

उन्होंने कहा “सतगुरू नानक प्रगटया मिटी धुंध जग चानन होआ” । गुरुद्वारा श्री तेगबहादुर साहिब में रोनक कालड़ा,मन्नत टुटेजा, इष्टदीप सिंह,समरथ छाबड़ा,एकश कालड़ा ,टीशल छाबड़ा सिदक टुटेजा,कुशलप्रीत अरोड़ा, संजू अरोड़ा,चिंटू छाबड़ा,राजू गुलाटी, दीपू अरोड़ा,मिंटू व सिमर द्वारा फूलों से की गयी सजावट देखने योग्य थी जो कि बहुत ही आकर्षित कर रही थी।बिजली की रोशनी तथा फूलों से गुरूद्वारा साहिब को सजाया गया था,रात्रि दीवान व अखण्ड पाठ साहिब की समाप्ति के पश्चात फूलों की वर्षा व आतिशबाजी हुई।दोपहर में गुरूदारा में दीवान समाप्ति के बाद विशाल लंगर का आयोजन किया गया।

 

 

 

 

 

 

श्री गुरूनानक देव जी द्वारा प्रारम्भ किये गये लंगर की व्यवस्था सम्पूर्ण राष्ट्र के सभी गुरूद्वारों में बदस्तूर चलती रहती है,बिना भेद- भाव के एक पंगत में सभी ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया,रात्रि दीवान में फूलों की वर्षा करके आरती की गई,अखण्ड पाठ की सेवा करवाने वाले परिवारों और सजावट करने वाले युवा व शबद गायन करने वाले बच्चों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया।अन्त में गरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार तरनपाल सिंह कालड़ा एवं समस्त पदाधिकारियों मनदीप सिंह कालड़ा,दलजीत सिंह पनेसर, चरनजीत सिंह (काका) व राजा साहनी,जसवीर सिंह पप्पी, त्रिलोचन सिंह मोंगा, साहिब सिंह और दीपू अरोड़ा ने सभी श्रद्धालुओं,स्त्री सतसंग,अखण्ड पाठ साहिब की सेवा करवाने वाले परिवारों का तथा प्रभात फेरी की सेवा करने वाले परिवारों का तथा समूह साध संगत का सहयोग के लिये हार्दिक धन्यवाद दिया तथा गुरूपर्व की सभी को बधाई दी।

 

 

 

 

 

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