किम जोंग ने स्पाई सैटेलाइट से मिलिट्री ठिकानों की तस्वीरें खींची: और व्हाइट हाउस; पेंटागन की रेकी की

 

विदेश: नॉर्थ कोरिया ने हाल ही में अपनी पहली स्पाई सैटेलाइट लॉन्च की थी। अब वहां के स्टेट मीडिया KCNA ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस सैटेलाइट की मदद से तानाशाह किम जोंग अमेरिकी मिलिट्री बेस, व्हाइट हाउस और रक्षा मंत्रालय पेंटागन की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने सैटेलाइट की मदद से इन जगहों की तस्वीरें खींची हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने अमेरिकी राज्य वर्जीनिया के मिलिट्री ठिकानों पर एयरक्राफ्ट कैरियर्स की गिनती भी की। इसके अलावा, स्पाई सैटेलाइट इटली की राजधानी रोम के साथ-साथ साउथ कोरिया के सैन्य ठिकानों की भी तस्वीरें खींच चुकी है। अमेरिका के नॉरफॉक नेवल बेस और न्यूपोर्ट न्यूज डॉकयार्ड की तस्वीरों में चार अमेरिकी न्यूक्लियर कैरियर और एक ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर देखा गया।

 

 

इन सबके बीच सोमवार को UNSC की बैठक में अमेरिकी ऐंबैस्डर लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड और नॉर्थ कोरिया के ऐंबैस्डर किम सोंग आमने-सामने नजर आए। किम ने कहा कि अमेरिका हमें बार-बार परमाणु हमले की धमकी देता है।

किम ने आगे कहा- नॉर्थ कोरिया की रक्षा के लिए ये हमारा हक है कि हमें अमेरिका के ही स्तर पर अपने हथियार और तकनीक को विकसित करें। वहीं किम के दावों को खारिज करते हुए लिंड ग्रीनफील्ड ने कहा- हमारा युद्धाभ्यास पहले से ही तय शेड्यूल के हिसाब से होता है। ये एक्सरसाइज सिर्फ डिफेंसिव होती हैं।

 

 

 

नॉर्थ कोरिया इनके जवाब में अपनी रक्षा के लिए मिसाइलें लॉन्च नहीं कर रहा। अमेरिकी ऐंबैस्डर ने कहा- हम नॉर्थ कोरिया के साथ बेशर्त बातचीत के लिए भी तैयार हैं। इस पर किम सोंग ने जवाब दिया कि जब तक अमेरिका की तरफ से सैन्य खतरा खत्म नहीं हो जाता तब कर नॉर्थ कोरिया अपने सैन्य क्षमताओं को बढ़ाता रहेगा।

दूसरी तरफ, साउथ कोरिया की स्पाई एजेंसी ने दावा किया है कि रूस ने स्पाई सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग में नॉर्थ कोरिया की मदद की थी। दरअसल, सैटेलाइट को लॉन्च करने का ये तीसरा ट्रायल था, जो नॉर्थ कोरिया के मुताबिक सफल रहा। पहला ट्रायल मई 2023 को हुआ था। तब ये सैटेलाइट क्रैश हो गई थी। दूसरा ट्रायल अगस्त 2023 में हुआ, जो तकनीकी खराबी के कारण फेल हो गया था।

 

 

 

अमेरिका ने भी पिछले महीने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि नॉर्थ कोरिया ने यूक्रेन जंग में मदद के लिए रूस को करीब एक हजार से ज्यादा हथियारों और कंटेनर दे चुका है। दरअसल, क्लियर प्रोग्राम्स की वजह से नॉर्थ कोरिया पर 2006 में UN ने मिसाइल टेस्टिंग पर बैन लगा दिया था। हालांकि, तानाशाह किम जोंग इसके बावजूद लगातार मिसाइलों और हथियारों की टेस्टिंग करवाते आए हैं।

अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उत्तर कोरिया जल्द ही 7वां परमाणु परीक्षण भी करने जा रहा है। वहीं नॉर्थ कोरिया, साउथ कोरिया, चीन, अमेरिका, रूस और जापान के बीच परमाणु हथियारों के खात्मे को लेकर हो रही बातचीत 2009 में बंद हो गई थी। 2019 में डोनाल्ड ट्रम्प की भी किम जोंग के साथ बातचीत नाकाम रही थी। रूस और चीन ने UNSC की बैठक में कई बार अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसकी मिलिट्री एक्सरसाइज नॉर्थ कोरिया को उकसाने का काम करती हैं।

 

 

 

 

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