फतेहपुर जिले में गाजीपुर से लेकर विजयीपुर तक 34 किलोमीटर की जर्जर सड़क को बनवाने के लिए ग्रामीणों ने सत्याग्रह तक किया। 10 चले सत्याग्रह में पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों की मौजूदगी में एक नवंबर से सड़क मार्ग का निर्माण कार्य शुरू कराने का वादा किया, लेकिन झूठे वादे के कारण बेमौसम हुई बरसात से सड़क फिर तालाब और दलदल में बदल गई है। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
जिले के गाजीपुर से विजयीपुर 34 किलोमीटर सड़क मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। कई जगह मौत का गड्ढा हो गया। सड़क मार्ग को बनवाने के लिए विगत 30 साल से मांग बुंदेलखंड राष्ट्र समिति और सड़क सुरक्षा समिति के लोगों से करते हुए दो अक्टूबर से नरैनी गांव के पास सत्याग्रह शुरू किया था। सत्याग्रह में करीब 500 गांव के ग्रामीणों ने हिस्सा लिया था। 12 अक्टूबर को जनप्रतिनिधियों के साथ पहुंचे अधिकारियों ने जूस पिलाकर सत्याग्रह को खत्म कर दिया था और एक नवंबर से निर्माण कार्य शुरू कराने का वादा किया था।
एक माह बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ और बुधवार से हो रही बारिश के कारण सड़क में पानी भरने से तालाब के साथ जगह-जगह दलदल हो गया। सत्याग्रही आशू सिंह ने बताया कि विगत 30 से 34 किलोमीटर सड़क पूरी तरह जर्जर है। यह मार्ग यमुना कटरी क्षेत्र के गांवों को जोड़ने का काम करती है।
दुर्भाग्य है कि जिले में भाजपा के विधायक, सांसद केंद्रीय मंत्री है यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री जिला प्रभारी हैं और जिले से उनका लगाव भी है, लेकिन सड़क निर्माण कार्य नहीं हुआ। बेमौसम बारिश से मार्ग में आवागमन बन्द हो गया है। बड़ी गाड़ी तो निकल सकती है लेकिन छोटी गाड़ी और बाइक सवार नहीं निकल सकते हैं। जल्द ही फिर से एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस बार रोड नहीं तो वोट नहीं के लिए जनता ने तय कर लिया है।