विदेश के शहर फलस्तीन में इजराइली सेना ने अल-अक्सा मस्जिद के इमाम शेख इकरीमा साबरी के घर रेड की है। शेख साबरी येरूशलम में सुप्रीम इस्लामिक काउंसिल के प्रमुख भी हैं। जंग की वजह भी अल-अक्सा मस्जिद है। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- इजराइल पर हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, गाजा के स्कूलों में हेपेटाइटिस-A फैल रहा है। ये लीवर से जुड़ी बीमारी है और गंदा पानी पीने से फैलती है। समय पर इलाज न हो तो लिवर इन्फेक्शन बढ़ते हुए ब्रेन तक पहुंच जाता है। ब्रेन काम करना बंद कर देता है और लोगों की जान तक जा सकती है।
इधर, शनिवार देर रात पेरिस में एफिल टावर के पास एक फिलिस्तीनी समर्थक ने चाकूबाजी की घटना को अंजाम दिया। इसमें एक जर्मनी के टूरिस्ट की मौत हो गई। जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक हमलावर गाजा समेत पूरी दुनिया में हो रही मुस्लिमों की मौत पर नाराज था।
पुलिस ने कहा है कि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। वहीं, एक टैक्सी ड्राइवर का कहना है कि जब आरोपी ने लोगों पर चाकू चलाए उस वक्त वो अल्लाह हू अकबर बोल रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी ने 2016 में हमले की कोशिश की थी। उसे 2020 में छोड़ दिया गया था। वो साउथ पेरिस में अपने माता-पिता के साथ रहता है।
वहीं, इजराइल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वो जंग खत्म होने के बाद फिलिस्तीनी हुकुमत को गाजा का शासन नहीं सौंपेंगे। नेतन्याहू का कहना है की फिलिस्तीनी हुकूमत इजराइल के अस्तित्व को इनकार करती है। उन्होंने ये भी कहा है कि जब तक हमास पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता हम जंग जारी रखेंगे।
इजराइल और हमास के बीच दूसरी बार सीजफायर का मामला टल गया है। शनिवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि बहुत जल्द दोबारा सीजफायर हो सकता है। हालांकि, देर रात इजराइल ने साफ कर दिया कि हमास ने महिलाओं और बच्चों की रिहाई का वादा पूरा नहीं किया। इसलिए कतर की राजधानी दोहा से बातचीत करने वाली टीम को वापस इजराइल बुला लिया गया है।
मोसाद के चीफ डेविड बार्निया ने कहा- प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कतर में सीजफायर की बातचीत करने गई इजराइली टीम को देश लौटने को कहा है।
पिछले सीजफायर के दौरान हमास ने 105 बंधक रिहा किए थे। इनमें 81 इजराइली और 23 थाईलैंड के बंधक थे। इसके अलावा फिलिपींस का भी एक नागरिक छोड़ा गया था। हमास की कैद में अब भी 136 लोग बताए गए हैं। इनमें 114 पुरुष, 20 महिलाएं और 2 बच्चे हैं। 10 बंधकों की उम्र 75 साल या इससे ज्यादा बताई गई है। इनमें 11 गैर इजराइली हैं। 8 थाईलैंड के नागरिक भी हमास की कैद में हैं।
लेबनान की तरफ से इजराइल पर एक बार फिर हमले शुरू हो गए हैं। शनिवार को लेबनान की तरफ से 16 रॉकेट और 2 बार फायरिंग की गई। इसके बाद इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने लेबनान पर एयर स्ट्राइक शुरू कर दीं। हालांकि, दोनों ही तरफ से नुकसान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
इजराइली सेना का कहना है कि लेबनान के हिजबुल्ला आतंकी उसके मिलिट्री बेसेस को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन हमलों के लिए ईरान के हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। अगर यह सिलसिला फौरन नहीं रुका तो लेबनान पर बड़े हमले किए जाएंगे।
इजराइली सेना ने कहा है कि उन्होंने गाजा में शनिवार को एक अहम कामयाबी हासिल की। UN की तरफ से भेजी गई राहत सामग्री की जांच की गई। इस दौरान कई रॉकेट मिले। इनका इस्तेमाल सीजफायर खत्म होने के बाद हमास के आतंकी कर रहे थे।
इजराइली सेना ने कहा- हालिया दिनों में गाजा के एक अपार्टमेंट से इजराइल पर लगातार रॉकेट हमले किए जा रहे थे। हमें पता लगा कि इस अपार्टमेंट का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र का एक दल कर रहा है। शनिवार सुबह इसी इमारत से हमारे सैनिकों पर हमले किए गए। इसके बाद कमांडोज ने इमारत को घेर लिया और तलाशी शुरू की।
बयान के मुताबिक- तलाशी के दौरान UN की मुहर वाले कई बॉक्स मिले। इनका इस्तेमाल रिलीफ पैकेट्स के लिए किया जाता है। हालांकि, तलाशी के दौरान इनमें रॉकेट्स और ग्रेनेड मिले। इसके अलावा कुछ मोर्टार भी बरामद किए गए हैं। हमने मामले की जानकारी रेड क्रॉस और यूएन की टीम को दे दी है। इसके वीडियो सबूत भी उनको भेजे गए हैं।
हमास का कहना है कि सीजफायर खत्म होने के बाद गाजा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अस्पतालों में फर्श पर लाशें पड़ी हैं। वहीं, इजराइली सेना का कहना है कि सैनिकों ने हमास के 400 ठिकानों को तबाह किया है। इधर, डॉक्टर्स विद आउट बॉर्डर्स ने शनिवार इजराइल पर उनके काफिले पर हमला करने के आरोप लगाए हैं। अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने हमले का वीडियो शेयर कर मामले की जांच की मांग की है।
UN ने कहा है कि गाजा के अल-अहली अस्पताल के हालात किसी डरावनी फिल्म जैसे हैं। WHO के मुताबिक गाजा के 32 में से सिर्फ 16 अस्पताल काम कर रहे हैं। वहीं, इजराइली सेना दक्षिणी गाजा के लोगों को राफा की तरफ जाने के लिए कह रही है। इजराइली सेना उत्तरी गाजा को पहले ही खाली करवा चुकी है। ऐसे में एक फिलिस्तीनी शख्स ने अलजजीरा से कहा कि जब हर जगह से हमें निकलने को कहा जा रहा है तो हम कहां जाएंगे।
इजराइल-हमास के बीच सीजफायर खत्म होने के बाद भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात एक फिलिस्तीनी समर्थक ने अमेरिका में खुद को आगे हवाले कर दिया। ये घटना अटलांटा शहर में बने इजराइली कॉन्सुलेट के सामने हुई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक सिक्योरिटी गार्ड ने उसे बचाने की कोशिश की। हालांकि, वो नाकामयाब रहा।
अमेरिका ने सीजफायर खत्म होने का इल्जाम हमास पर डाला है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शुक्रवार को सीजफायर खत्म होने के तुरंत बाद इजराइल से दुबई पहुंचे। यहां उन्होंने कहा- हमास ने अपना वादा पूरा नहीं किया। यरूशलम में आतंकी हमला करवाया और सीजफायर की सीमा खत्म होने से पहले इजराइल पर रॉकेट दागे। इसकी वजह से युद्ध विराम आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
दरअसल, इजराइल और हमास के बीच सीजफायर के बाद शुक्रवार को जंग फिर शुरू हो गई। सेंट्रल इजराइल पर गाजा से 50 से ज्यादा रॉकेट दागे गए। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की। इसके फौरन बाद तेल अवीव में इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) के चीफ जनरल हेर्जी हालेवी ने टॉप कमांडर्स के साथ लंबी मीटिंग की।
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक- फैसला यह हुआ कि गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन तेज किए जाएंगे। जंग में अब तक 14 हजार 800 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। इनमें 6 हजार बच्चे शामिल हैं।
इजराइल ने भी कहा है कि उसने 200 ”आतंकी ठिकानों” पर हमला किया है। हमास ने जिन इजराइलियों को बंधक बनाया उनमें से 6 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। शुक्रवार को गाजा में 70 साल की ओफ्रा किदार की मौत की पुष्टि हुई है। 7 अक्टूबर को जिस वक्त उन्हें बंधक बनाया गया था वो वॉक पर निकली थीं। वो किसी तरह अपने परिवार वालों को फोन कर पाई थीं।
उन्होंने बताया था कि हमास के लोग उन्हें गोली मारने जा रहे हैं। उनके पति सामी को भी उनके घर में गोली मार दी गई थी। उनकी बेटी ने किसी तरह छिप कर जान बचाई थी।
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।