न्यूज़ वाणी
ब्यूरो मुन्ना बक्श
बांदा। जिले भर की गौशालाओ में गोवंशो को महज कागजों में संरक्षित किया जा रहा है। गोवंशो की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिले के आला अफसर गोवंशो की जिंदगी बचाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। जिससे गौशालाओं में कैद गोवंश भूख प्यास से भीषण ठंड में तड़पकर रोज मर रहे हैं। और गोवंश के नाम पर आवंटित धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिले के जिम्मेदार कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं। इस तरह की भीषण ठंड में गोवंशो को खुले रखा जा रहा है ऐसी तमाम अव्यवस्थाओं की पोल खुल चुकी है लेकिन फिर कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। अगर उत्तर प्रदेश में किसी को गोवंशो से हमदर्दी है तो एक बार बांदा जिले की गौशालाओं में आए और अपनी आंखों से देखे की वाकई में गोवंशो के साथ अत्याचार किया जा रहा है।
गौ रक्षा समिति सह संयोजक संतोष त्रिपाठी अपनी टीम के साथ विकासखंड बिसंडा के ग्राम पंचायत अमवा पहुंचे अमवा गौशाला की स्थिति बहुत ही दर्दनाक रही गौशाला के अंदर एक मृत्य गोवंश पड़ा था केयरटेकर एक था तीन केयरटेकर गायब थे जब गौशाला के बाहर देखा तो बाहर तीन गाय मृत पड़ी थी जिन्हें चील कौवे और कुत्ते नोच नोच कर खा रहे थे जब ग्रामीणों से पूछने पर हमें बताया गया की गौशाला से ही यह गए फेंकी जाती हैं रोड के किनारे जिससे काफी बीमारियां गांव में फैलने क खतरा बना रहता है और हम लोग दुर्गंध भरा जीवन जीने के लिए मजबूर हैं ग्राम प्रधान अमवा दबंग व्यक्ति है वह अपने हिसाब से गौशाला चलता है ना किसी की सुनता है ना किसी की मानता है हम लोग मजबूर ह कुछ कहते हैं तो हमें गाली गलौज करता है और अपनी मनमानी करता है साथ ही ग्रामीणों ने बताया केयरटेकर बिल्कुल गौशाला की तरफ ध्यान नहीं देते हैं गौशाला में गौवंशों को केवल खड़ा पयार दिया जाता है यह सूचना हमने पशु चिकित्सा अधिकारी को मोबाइल के माध्यम से दी गई पर उन्होंने यह सूचना सुनने में कोई इंटरेस्ट नहीं लिया अमवा ग्राम पंचायत के सचिव साहब को भी यह सूचना मोबाइल पर दी गई पर हमारी बातों को उन्होंने भी इग्नोर किया विकासखंड बिसंडा के वीडियो को व्हाट्सएप द्वारा सूचना दी गई लेकिन कोई जवाब नहीं आया जहां उत्तर प्रदेश के मुखिया माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश की गौशालाओं के लिए गौशालाओं के प्रबंध हेतु पैसे पानी की तरह बहा रहे हैं वही एक तरफ सचिन और प्रधान की मिली भगत से गौशालाओं के धान का बंदर वाट किया जा रहा अब देखने वाली बात यह होगी क्या बांदा जिले के उच्च अधिकारी इस मामले को संज्ञान लेंगे या फिर होगी सिर्फ रस्म अदायगी की खाना पूर्ति।