न्यूज़ वाणी
ब्यूरो मुन्ना बक्श
बांदा।पत्रकारों की एकता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। क्योंकि बुद्धिजीवी माना जाने वाला ये वर्ग कभी भी एक दूसरे से नीचे नहीं रहना चाहता, इसीलिए गाहे बगाहे अपने को सुपीरियर साबित करने की होड़ में नासमझी में ही सही, पर एक दूसरे का नुकसान कर देने वाला पत्रकार वर्ग अब एक होना सीख गया है। और ये सब कर दिखाया है बांदा प्रेस क्लब ने।”_ ये बात तिंदवारी में आयोजित बांदा प्रेस क्लब की एक अहम बैठक में बांदा प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश निगम दद्दा जी ने कही। इस बैठक में सर्वसम्मति से वरिष्ठ पत्रकार कासिद अली सिद्दीकी को तिंदवारी इकाई का अध्यक्ष चुना गया जबकि वयोवृद्ध पत्रकार व समाजसेवी गया प्रसाद सिंह को संरक्षक की भूमिका दी गयी।
तिंदवारी कस्बे में आयोजित इस बैठक का उद्देश्य था, तिंदवारी इकाई का गठन, जोकि बांदा प्रेस क्लब के अन्तर्गत किया जाना था, इसीलिए तिंदवारी के पत्रकार इस बैठक में शामिल हुए। बैठक में पत्रकारों से सम्बन्धित तमाम बातों के बीच मुख्य बात आपसी एकता की निकल कर सामने आई। और इस विषय पर सभी पत्रकारों में आम राय बनी कि आपसी मन-मुटाव करके हम समाज में सार्थक संदेश नहीं दे सकते। यही बात दोहराते हुए तिंदवारी इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष कासिद अली सिद्दीकी ने कहा, “मनभेद करते-करते देखिये आज हम कहां आ गये हैं। जरूरी नहीं कि किसी विषय पर मेरे आपके मत एक हों, तो रहने दीजिये, पर मनभेद न कीजिये। क्योंकि यदि मनभेद हो गया तो आपसी एकता की बात भूल जाईये। यदि हमें एक होना है तो बांदा प्रेस क्लब, जोकि आज पत्रकारों का सबसे बड़ा विधिमान्य संगठन बन चुका है, उसी के बैनरतले हम सभी पत्रकार एक होकर न केवल सामाजिक मुद्दों को मजबूती से उठा पायेंगे, बल्कि उसी मजबूती के साथ अपने साथ होने वाले अन्याय से भी लड़ पायेंगे।”
नवनियुक्त संरक्षक गया प्रसाद सिंह ने पत्रकारिता के पुराने दिनों को ताजा करते हुए कहा, “वो दौर था जब चुनिन्दा पत्रकार होते थे, पर सब एक होते थे। छोटे अपने से बड़ों का कैसे सम्मान करते थे, तब देखने लायक होता था। पर आज के दौर में काफी कुछ बदल गया है। लेकिन बांदा प्रेस क्लब में मुझे वही दौर देखने को मिल रहा है। आज मैं काफी खुश हूं कि मैं बांदा प्रेस क्लब से जुड़ रहा हूं।”
बैठक की अध्यक्षता कर रहे बांदा प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष संजय मिश्रा ने दोनों नवनियुक्त पदाधिकारियों को फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया और बताया कि कैसे उन्हें इन दोनों पदाधिकारियों का पत्रकारिता में सहयोग मिलता रहा है। संजय मिश्रा ने कहा, “आप दोनों से मैं उम्र और अनुभव में बहुत छोटा हूं। सदैव आपसे मैंने सीखा है और आगे भी सीखूंगा। यहां ये भी मायने नहीं रखता कि मैं मुख्य कार्यकारिणी में हूं और आप तहसील की कार्यकारिणी में, क्योंकि वो तो सांगठनिक पद मात्र है। बल्कि मायने ये रखता है कि आपकी सीनियरिटी का लाभ मुझ जैसे जूनियर को कैसे मिले। और ये तब मिलेगा जब मैं आपको वही सम्मान दूं जोकि मैं कभी अपने जूनियर पत्रकार से चाहूंगा।”
इस बैठक में विवेक कुमार सिंह, अनवर उल हक सिद्दीकी, कौशल किशोर विश्वकर्मा, अभिलाष गुप्ता, आशीष सिंह, बॉबी, माजिद अली, संदीप दीक्षित, मुलायम चन्द्र सहित बांदा प्रेस क्लब के महामन्त्री सचिन चतुर्वेदी, संरक्षक कमल सिंह, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र खत्री, संयुक्त सचिव श्रीश पाण्डेय, अरविन्द श्रीवास्तव, तहसील नरैनी अध्यक्ष मयंक शुक्ला, बबेरू तहसील अध्यक्ष उमेश श्रीवास्तव, संरक्षक डॉ. बुद्धि प्रकाश अग्निहोत्री, संजय सिंह, राजा त्रिपाठी आदि पत्रकार बन्धु उपस्थित रहे।