मायावती और CM योगी आदित्यनाथ ने डॉ. भीमराव आंबेडकर को दी श्रद्धांजलि: 81 करोड़ गरीब सरकारी अन्न को होंगे मोहताज

 

लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती और CM योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर के 67वें परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा-लगभग 140 करोड़ की आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा डॉ. आंबेडकर श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। लेकिन, देश के 81 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न को मोहताज होना होगा, ऐसी दुर्दशा आजादी का सपना नहीं था। बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर भी संविधान बनाते समय यह सोचे नहीं थे।

 

 

 

देश में रोटी-रोजी के अभाव और महंगाई के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं, पर खर्चा रुपया हो गया है। इसके कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त है। यह चिंतनीय है। संविधान को सही से लागू करके इनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी।

CM योगी ने लखनऊ में विधानसभा मार्ग स्थित आंबेडकर महासभा परिसर पहुंचे। यहां डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आधुनिक भारत के निर्माण में अविस्मरणीय योगदान देने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर का पूरा जीवन लोकतंत्र की जीवंत पाठशाला है। संविधान शिल्पी, ‘भारत रत्न’ बाबा साहब का हर काम, हर निर्णय ‘अंत्योदय’ को समर्पित था। ऐसे हुतात्मा को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।

 

 

 

इससे पहले मायावती ने कहा था कि अगर देश की सरकारें संविधान के पवित्र उसूलों के तहत काम करतीं, तो करोड़ों गरीबों को कई मुसीबतों से मुक्ति मिल गई होती। मायावती ने कहा क‍ि डॉ. आंबेडकर का जीवन संघर्ष करोड़ों गरीबों, मजदूरों, वंचितों और अन्य मेहनतकशों के लिए आज भी उम्मीद की किरण है।

व‍िपक्षी पार्ट‍ियों पर हमलावर होते हुए मायावती ने कहा- इस दौरान संकीर्ण, जातिवादी, पूंजीवादी और सांप्रदायिक ताकतों ने बसपा को कमजोर करने के लिए हर प्रकार के घिनौने हथकंडे अपनाए, लेकिन ऐसे उतार-चढ़ावों के बावजूद पार्टी से जुड़े लोग पूरी मजबूती और समर्पण के साथ तन, मन, धन से मैदान में डटे रहे, जिसके लिए सभी का तहेदिल से आभार।

 

 

 

 

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