अमेरिका: भारत सरकार के अधिकारी पर अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कोशिश के आरोपों के बीच पन्नू ने एक और धमकी भरा वीडियो जारी किया है। इसमें पन्नू ने भारत की संसद की नींव को हिला देने की बात कही है। पन्नू ने कहा है कि वो 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी यानी 13 दिसंबर तक हमला करेगा।
पन्नू के वीडियो में एक पोस्टर नजर आ रहा है, जिसमें उसकी फोटो के बगल में 2001 हमले के दोषी अफजल गुरु की फोटो है। उसे 2013 में फांसी की सजा दी गई थी। पन्नू इसमें खालिस्तानी समर्थकों के साथ दिल्ली बनेगा खालिस्तानी का नारा लगाता भी नजर आ रहा है। पन्नू की धमकी के बाद भारत की सिक्योरिटी एजेंसियों और दिल्ली पुलिस नई दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने में जुट गई है।
सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि पन्नू के वीडियो को देखकर इस बात की आशंका है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की K-2(कश्मीर-खालिस्तान) डेस्क पन्नू का साथ दे रही है। उसी ने पन्नू को इस वीडियो की स्क्रिप्ट भी दी थी।
दूसरी तरफ, अमेरिका के डिप्टी NSA जोनाथन फाइनर ने भारत दौरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल से मुलाकात की। व्हाइट हाउस ने बताया कि इस दौरान अधिकारियों के बीच पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर चर्चा हुई। व्हाइट हाउस ने कहा- अमेरिका की जमीन पर हत्या की कोशिश के मामले में भारत ने जांच कमेटी बनाई है। हमें उम्मीद है कि भारत मामले के दोषी को सजा जरूर देगा।
13 दिसंबर 2001 को संसद में विंटर सेशन चल रहा था। महिला आरक्षण बिल पर हंगामे के बाद 11:02 पर संसद को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद से जा चुके थे।
करीब साढ़े ग्यारह बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे और तभी सफेद एंबेसडर में सवार 5 आतंकी गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुस गए। उस समय सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे हुआ करते थे।
ये सब देखकर सिक्योरिटी गार्ड ने उस एंबेसडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। तभी आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकरा गई। घबराकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों के पास एके-47 और हैंडग्रेनेड थे, जबकि सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे थे।
गोलियों की आवाज सुनते ही CRPF की एक बटालियन भी एक्टिव हो गई। उस वक्त संसद में देश के गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन समेत कई बड़े नेता और पत्रकार मौजूद थे। सभी को अंदर ही सुरक्षित रहने को कहा गया।
इस बीच एक आतंकी ने गेट नंबर-1 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन सिक्योरिटी फोर्सेज ने उसे वहीं मार गिराया। इसके बाद उसके शरीर पर लगे बम में भी ब्लास्ट हो गया। बाकी के 4 आतंकियों ने गेट नंबर-4 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन इनमें से 3 आतंकियों को वहीं पर मार दिया गया। इसके बाद बचे हुए आखिरी आतंकी ने गेट नंबर-5 की तरफ दौड़ लगाई, लेकिन वो भी जवानों की गोली का शिकार हो गया। जवानों और आतंकियों के बीच 11:30 बजे शुरू हुई ये मुठभेड़ शाम को 4 बजे खत्म हुई।
संसद पर हमले के दो दिन बाद ही 15 दिसंबर 2001 को मास्टरमाइंड अफजल गुरु, एसएआर गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी और अफशान को बरी कर दिया, लेकिन अफजल गुरु की मौत की सजा को बरकरार रखा। शौकत हुसैन की मौत की सजा को भी घटा दिया और 10 साल की सजा का फैसला सुनाया। 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी पर लटका दिया गया।