जिंदा जले थे आठ बराती: तकनीकी जांच में सामने आई दर्दनाक हादसे की ये वजह; इसलिए बनी थी आग का गोला

 

 

बरेली में तेज रफ्तार में जा रही कार अचानक टायर फटने से बेकाबू हो गई। डिवाइडर को पार कर हाईवे के दूसरी ओर डंपर से टकरा गई। इससे कार में आग लग गई और डंपर का डीजल टैंक फटने से यह आग और भड़क गई। हादसे के बाद कार के दरवाजे लॉक होने से उसमें सवार लोग बाहर नहीं निकल सके। कार के अंदर ही वह जिंदा जल गए। आरटीओ प्रवर्तन दिनेश कुमार और एआरटीओ प्रवर्तन जेपी गुप्ता की टीम ने रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। प्रारंभिक जांच में इन तथ्यों की पुष्टि हुई है।

टीम ने आसपास के लोगों से बात की और दोनों वाहनों का तकनीकी मुआयना किया। जांच रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को भेज दी गई है। जांच में यह भी पाया गया है कि चालक फुरकान तेज रफ्तार और लापरवाही से कार चला रहा था। कार पेट्रोल और सीएनजी में पास थी। आसपास नहीं है ब्लैक स्पॉट, औसत गति 80 किमी प्रति घंटा गांव दभौरा खंजनपुर के पास जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां आसपास कोई ब्लैक स्पॉट नहीं है। नेशनल हाईवे पर यहां औसत रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा की है। कोई घुमाव भी नहीं है। जांच में पाया गया है कि हादसे के दौरान कार की गति औसत गति से ज्यादा थी। ऐसे में हादसे की वीभत्सता और बढ़ गई।

 

 

जांच के दौरान तकनीकी टीम को डंपर और कार चालक के ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं मिले हैं। डंपर चालक के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं हो सकी है। कार चालक फुरकान के नाम ड्राइविंग लाइसेंस कब जारी हुआ था, इसकी जांच की जा रही है। कार का पंजीकरण निजी इस्तेमाल के लिए कराया गया था, जबकि इसका व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा था। टैक्सी परमिट को छोड़ दें तो कार के अन्य कागजात पूरे हैं। डंपर का भी पंजीकरण, बीमा, फिटनेस व प्रदूषण आदि प्रपत्र पूरे हैं। डंपर (यूके 96 सीसी 7779) उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंह नगर के थाना गदरपुर के गांव झगड़पुरी निवासी कुर्बान अली के नाम से एक मई 2023 को पंजीकृत है।
ऑल इंडिया परमिट के डंपर की बीमा और प्रदूषण की वैधता अप्रैल 2024 तक, जबकि परमिट की वैधता मई 2028 तक है। कार (यूपी 25 डीएम 1755) बरेली के थाना बहेड़ी के मोहल्ला रामलीला निवासी सुमित गुप्ता के नाम से मई 2022 में पंजीकृत है। कार का बीमा अप्रैल 2025 तक और प्रदूषण प्रमाणपत्र नवंबर 2024 तक वैध है। दोनों वाहनों की फिटनेस भी है।

 

 

 

हादसे के बाद कार का सीएनजी सिलिंडर सुरक्षित मिला है। माना जा रहा है कि कार में आग लगने के बाद डंपर के डीजल टैंक ने भी आग पकड़ ली। डीजल टैंक फटने से आग और भड़क गई। पुलिस की फॉरेंसिक टीम से लेकर अन्य विभागों की टीमों ने घटनास्थल पर पहुंचकर वाहनों की स्थिति देखी।
सड़क पर कार के दूर तक घिसटने के निशान साफ नजर आ रहे थे। कार पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। उसमें लगा एल्युमीनियम भी पिघल गया है। सिर्फ लोहे का क्षतिग्रस्त ढांचा बचा है। इसके बाद भी सीएनजी सिलिंडर सुरक्षित मिला, हालांकि वह खाली हो चुका था। माना जा रहा है कि इंजन तक जाने वाले गैस के पाइप क्षतिग्रस्त होने से गैस लीक हुई होगी। इससे आग और भड़की होगी।
डंपर के अगले टायर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। पिछले टायर भी जल गए हैं। उनका कुछ ढांचा व तार बचा है। डंपर का डीजल टैंक लगभग नष्ट हो गया है। इससे बिखरा डीजल पीछे जहां तक गया, वहां तक आग की लपटें फैल गईं। हालांकि, मामले की विस्तृत जांच अभी जारी है। सीएफओ सीएम शर्मा ने बताया कि संयुक्त कमेटी की रिपोर्ट आने पर ही सच्चाई पता लगेगी।

 

 

 

 

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