जिम्मेदारों की तानाशाही से सरकारी योजनाओं को तरस रहे ग्रामीण।

जिम्मेदारों की तानाशाही से सरकारी योजनाओं को तरस रहे ग्रामीण।

योजनाओं के क्रिन्वायन में हो रही अनियमितता व धॉधली।

डीह रायबरेली। केन्द्र व प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार से जनता को बड़ी उम्मीदें थी।और हो भी क्यूं ना क्योंकि सरकार के वादो का पुलिंदा ऐसे बना कि लगा कि भाजपा सरकार के आते ही गॉव गरीब किसान सभी के दिन बहुरेंगे।किंतु ऐसा होता दिख नही रहा है।बल्कि हकीकत के तौर से देखा जाये तो सरकार के मातहतों के कमीशनबाजी व भ्रष्टाचार में लिप्त जिम्मेदारों की वजह से गांव गरीब व किसान आज भी सरकारी योजनाओं के लिये तरस रहा है। जहॉ जिम्मेदारों द्वारा कमीशनबाजी के चक्कर में सरकारी योजनाओं के वितरण में घोर अनियमितता बरती जा रही है।जहॉ ग्रामीणों की लगातार शिकायत पर भी ब्लॉक से लेकर जिले में बैठे जिम्मेदार गंभीर होते नही दिख रहें है।ऐसा ही मामला है डीह ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत थौरी का जहॉ के ग्रामीण आज भी सरकारी योजनाओं से वंचित है।सबसे खास बात ये भी है कि यहॉ कुछ ग्रामीण छप्पर के नीचे जीवन यापन करने को विवश हैं तो कुछ ग्रामीणों के सर पर छप्पर भी नसीब नही है।जिससे परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा है।परंतु ग्राम प्रधान से लेकर ब्लॉक में बैठे जिम्मेदारों को इन जरूरतमंद गरीबों की फिक्र नही है।वहीं ग्रामीण जानमोहम्मद पुत्र सर्फराज ने बताया कि उसका मकान बारिश में पूरी तरह जमींदोज हो गया।जीवन यापन के लिये परिवार सहित किराये पर कमरा ले कर रहता हूँ।आवास के लिये कई बार शिकायत किया गया ।परंतु बजट ना होने का बहाना बना कर शिकायत पर रिपोर्ट लगा कर मामला रफा दफा कर दिया।वहीं यह पहला मामला नही है बल्कि उक्त ग्राम पंचायत में ऐसे कितने गरीब है जिनको आवास की सख्त जरूरत है वहीं ठंड शुरू हो चुकी है अगर समय पर इन गरीबों को आवास का लाभ नही मिलता तो आने वाली भयानक ठंढ इन गरीबों पर कहर बरपायेगी।अब देखने वाली बात है कि जिम्मेदारों की नजर इन गरीबों पर कब पड़ेगी।या छत विहीन गरीब ऐसे ही ठंढ में सिकुड़ कर जान दॉव पर लगाता रहेगा यह सोचने वाली बात है। इस बाबत ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अविनाश सोनकर कहना है कि आवास के लिये अभी बजट नही आया है। बजट आने पर आवास का लाभ दिया जायेगा।

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