राज्य सरकार अग्निशमन से जुड़ी व्यवस्थाओं में करेगी बड़ा बदलाव: लापरवाही पर लगेगा जुर्माना

 

लखनऊ: राज्य सरकार आग लगने की घटनाओं में बड़ी संख्या में होने वाली जन-धन हानि को कम करने के लिए अग्निशमन से जुड़ी व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अग्निशमन से जुड़ी लापरवाही पर एक हजार से 20 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रस्ताव है। इसी तरह तय कमरों की संख्या, क्षेत्रफल, ऊंचाई, आवासीय व कॉमर्शियल भवनों के स्वामियों को अग्निसुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे।

सरकार ने यूपी अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम-2022 को लागू करने की अधिसूचना पिछले साल दिसंबर में जारी की थी। अधिनियम को लागू करने के लिए शासन यूपी अग्निशमन तथा आपात सेवा नियमावली-2023 तैयार कर रहा है। इसमें अग्निशमन अधिकारियों को प्रबंधन सहित कई तरह के अधिकार दिए जा रहे हैं, जिसमें जुर्माना लगाने का भी अधिकार है। अब तक विभाग को अग्निशमन से जुड़ी लापरवाही या अनियमितता में संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए लिखना पड़ता है।

 

 

 

कुछ मामलों में कमियों को पूरा करने का नोटिस जारी करने के बाद न्यायिक वाद दाखिल करना पड़ रहा है। लेकिन, ये उपाय कारगर नहीं हैं। सरकार अग्नि रोकथाम तथा जीवन सुरक्षा निधि व अग्निशमन कर, फीस आदि तय करने पर भी विचार कर रही है। प्रस्तावित नियमावली तैयार करने से पहले दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन भी किया गया।

प्रस्तावित नियमावली के मसौदे पर न्याय, वित्त, कार्मिक, राजस्व, नगर विकास, पर्यटन, आवास एवं शहरी नियोजन, औद्योगिक विकास व राज्यकर जैसे विभागों से परामर्श लेने की कार्यवाही चल रही है। विभागों के सुझावों को शामिल कर नियमावली को जल्द कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।

 

 

 

 

प्रदेश की विशेष परिस्थिति व प्राचीन एवं नवीन शहरों को ध्यान में रखते हुए प्रावधान किए गए हैं। इसमें राष्ट्रीय बिल्डिंग कोड के मानकों में शिथिलीकरण, हाईराइज बिल्डिंग के निर्माण के मद्देनजर एनओसी, पुलिस व अग्निशमन विभाग के बीच समन्वय, अग्नि सुरक्षा के प्रशिक्षण के लिए पीपीपी मॉडल को अपनाने जैसे विषयों को नई नियमावली में शामिल किया गया है।

अग्निशमन व्यवस्था में सुधार के लिए अन्य मुख्य प्रस्ताव
– प्रदेश में फायर स्टेशन को ग्रामीण, नगरीय व औद्योगिक क्षेत्रीय फायर स्टेशन के रूप में श्रेणीकृत किया गया है।
– आग के खतरे व फायर स्टेशन की संख्या के आधार पर मेरठ, आगरा, कानपुर, बरेली, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर जैसे आठ परिक्षेत्रों में बांटा गया है।
– अग्नि के खतरों तथा फायर स्टेशनों की संख्या के आधार पर वर्ग क व वर्ग ख के रूप में राजस्व जिले का बंटवारा। छह या इससे अधिक फायर स्टेशन वाले जिले क वर्ग में तो इससे कम वाले ख वर्ग में होंगे।
– क वर्ग वाले जिलों में विभागाध्यक्ष उप निदेशक होगा जबकि ख वर्ग वाले में मुख्य अग्निशमन अधिकारी।
– अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान।
– एक तकनीकी विशेषज्ञता वाली एजेंसी रखी जाएगी। वह एनओसी अवधि में भवनों के अग्नि सुरक्षा उपायों की जांच कर प्रमाणपत्र देगी।
– अग्निशमन अधिकारी द्वारा पारित आदेशों से क्षुब्ध व्यक्ति को सक्षम स्तर पर प्रथम व द्वितीय अपील का अधिकार होगा।

 

 

 

 

 

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