तीन दिवसीय एग्रो क्लाइमेटिक जोन स्तरीय किसान मेले का हुआ समापन 

 

न्यूज़ वाणी

ब्यूरो मुन्ना बक्श 

 

बांदा। रविवार को सिमौनीधाम बाबा के पौराणिक मेले में कृषि सूचना तंत्र सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम योजनान्तर्गत एग्रो क्लाइमेटिक जोन स्तरीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी के कार्यक्रम का आयोजन हु़वा जिसमें निम्न वक्ताओं ने अपनी प्रस्तुतिकरण प्रस्तुति किए

 

श्री डॉ योगेश शमथाने वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा ने कहा कि बुंदेलखंड की मिट्टी औषधि उत्पादन के लिए बहुत ही सर्वोत्तम मिट्टी है और किसान भाई सफेद मुसली, आस्वगंधा, ईसाबगोल और अन्य औषधीय खेती कर अपना आमदनी बढ़ा सकते है। किसानों से कहा कि आपके पास जो धन है वह आपकी खेती है । तथा उन्होंने जीरो बजट की खेती के बारे में किसानों को बताया साथ ही किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन के बारे में बताया।

श्री डॉ दीक्षा पटेल वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक बांदा कृषि विज्ञान केंद्र बांदा ने किसानों को खेती किसानी एप्स,तिलहनी फसल, दलहनी फसलों, सीड्स हब की जानकारी दी और कहा कि हमारे के0वी0के0 से जुड़कर दलहनी, तिलहनी फसल के प्रदर्शन ले कर फसल उत्पादन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते है , पशुपालन में कृत्रिम गर्भाधान , दूध उत्पादन, बागवानी, फल संरक्षण, खरपत वार का प्रबंधन के लिय वीड सीड्स एप्स से लेने की जानकारी आप मोबाइल ऐप्स से ले सकते हैं और एप्स से अन्य जानकारी खेती किसानी की ले सकते है ।

मच संचालक श्री छेदीलाल पटेल ने किसानों को खेती के गुर के साथ साथ कहा की खेत का पानी खेत में और खेत पर मेड, मेड पर पेड़ लगाने के लिय कहा और कहा कि जल है तो कल है !

ब्रम्हकुमारी साधना कुमारी जी ने कहा कि जैसा होगा संग वैसा होगा मन और नशा न करने की सलाह दी और कहा की तंबाकू की पुड़िया में साफ साफ लिखा है कि तंबाकू स्वस्थ्य के लिय हानि कारक है और कहा की अगर जो हम चाह लगे वही हम कर लेंगे अगर आप अपना परिवर्तन कर लेगे तो जग में परिवर्तन अपने आप हो जायेगा ! नशा मुक्त रहकर आप अपना परिवार को बचा सकते है और कहा की हमारे मन का भोजन है विचार नकारात्मक विचारों को छोड़े और अपना मन स्वच्छ रखें अपने मन से नकारात्मक विचारों को रोज फेंके जिस प्रकार अपना घर का कूड़ा रोज फेकते हैं मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके मन में उड़ान होती है पंखों से कुछ नहीं मन में उड़ान होती हैं

श्री डॉ भालेंद्र सिंह राजपूत वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा ने कहा की हम पेड़ो के बिना हम कल्पना नहीं कर सकते है ! हम अपनी देश की उन्नति में कितने पेड़ काट रहे हैं तो उनके जगह पेड़ लगाए और कहा की बुंदेलखंड में एक समय में महुवा के बाग होते थे। और कहा की अपने खेत की मेड़ों में बहुउद्देशीय पेड़ लगाए जिसे अगर आपकी फसल खराब होती है तो उसकी पूर्ति पेड़ो से हो जायेगी । पेड़ अपने खेत में और अपने आसपास जरूर लगाए जैसे सागौन , अमरूद, संतरा, चंदन, महोगनी जिससे आपको अधिक से अधिक लाभ मिल सके साथ ही कहा की चंदन की खेती कर आप अधिक से लाभ ले सकते है किसानों को उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी दिया

श्री बुद्ध राज पटेल फार्म प्रेक्षत्र अधीक्षक बासी ने किसान की दशा सुधारने के लिय कहा की किसान की आय दुगनी करने के तीन तरीके हैं किसान भाई बीज में , कृषि यंत्र की सब्सिडी 50 प्रतिशत अनुदान ले सकते है । अगर आप साल में तीन फसल ले तो आपकी आमदनी बढ़ सकती है जैसे धान के खेत की मेड़ों में अरहर बो कर, और कुछ नीबू, करौंदा के पेड़ लगाकर । अगर आप खरीफ में ज्यादा पानी चाहने वाली फसलों को बोते है तो उसके बाद रबी में कम पानी वाली फसलें चाहने वाली फसलों को बोए एव उथली जड़ वाली फसलों के बाद गहरी जड़ वाली फसलें, और नया बीज बोए और अच्छे बीजों का चयन करे, पुराना बीज न बोए और आप खुद से बीजों का उत्पादन करे। सिंचाई प्रबंधन करे फसल को जितना पानी चाहिए उतना पानी ही फसलों को । फसलों को खाद उतना ही से जितना जितनी जरूरत है और अपने खेतों की मिट्टी की जांच जरूर कराएं। पटेल जी ने कहा की बीजों का उपचार जरूर करें जिससे फसलों में रोग न लगे और गर्मी की जुताई जरूर करे जिससे वाटर रिचार्ज होगा, और हानिकारक जीवाणु मारेगे , फसल उत्पादन के साथ साथ लागत जरूर करे नई नई तकनीकी का प्रयोग करे सिंचाई में स्प्रीकालर सेट का प्रयोग करें और प्राकृतिक खेती अपनाए। किसान संगठित होकर एफपीओ के माध्यम से अपनी आमदनी बढ़ा सकते है और उन्होंने किसानों को एफपीओ से जुड़ने के लिय आह्वान किया और कहा की एफपीआे से अपनी तकदीर बदल सकते है

इंजी0 ओमप्रकाश मसुरहा जी ने नशा मुक्त रहने की किसानों को सलाह दी और कहा कि जैविक यौगिक खेती की विस्तार से चर्चा की।

मेले के आयोजन के साथ साथ विकसित भारत संकल्प यात्रा की वैन के माध्यम से किसानों को सरकार की योजनाओं की जानकारी भी दी गई

मेले के समापन की घोषणा उप कृषि निदेशक श्री विजय कुमार जी के द्वारा की गई।

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