मानव संसाधन नियमावली लागू करने के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने दिया धरना

-अपनी सात सूत्री मांगों पर अड़े कर्मचारी

 

न्यूज़ वाणी

 

लखनऊ। प्रदेश व्यापी हड़ताल करके उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कर्मियों ने आंदोलन की मुहिम फिर से छेड़ दी है। पूर्व से सूचित अपने बकाया मांगों को लेकर अड़ गए हैं। आज आंदोलन के 19 वें दिन भी 75 जनपदों को एक साथ कार्य बहिष्कार पर रहने से ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित यह योजना अपनो की ही बेरुखी से हासिये पर नजर आ रही है। क्योंकि समूचे प्रदेश में इस योजना को बल देने वाले समस्त जिला मिशन प्रबंधक, ब्लॉक मिशन प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित समस्त मिशन कर्मी कार्य बहिष्कार पर हैं। ईको गार्डन में एकत्रित है। आंदोलन को तेज होता देख मिशन मुख्यालय के आला अधिकारियों ने दो बार वार्ता करके यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा की अगुवाई में प्रतिनिधि मंडल को कार्य बहिष्कार को खत्म करने हेतु दबाव बनाया जा चुका है। प्रदेश अध्यक्ष ने साफ तौर पर कह दिया है कि जबतक धरातल पर हमारे लंबित लाभ हमे प्राप्त नहीं हो जाती है, तबतक हम पीछे हटने वाले नहीं है। हालांकि मिशन मुख्यालय के आला अधिकारियों का कहना है कि समस्त मिशन कर्मी कुछ वक्त और दे दें और अपने कार्य बहिस्कार को खत्म करके वापस काम पर आ जाएं। हर बार मुख्यालय से इस प्रकार के झूठे आश्वासन मिलने से मिशन कर्मियों में रोष व्याप्त है। इस बार कोरे आश्वाशन पर यकीन कर लिया जाए, इसका उनके पास कोई कारण नहीं है। ईको गार्डन में समस्त जनपदों से मिशन कर्मियों का तांता लगा हुआ है।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा ने आंदोलन को और तेज गति देने की बात कहते हुए बताया कि मिशन मुख्यालय के आला अधिकारी हमारी मांगों को लेकर शुरू से ही उदासीन हैं। शासन तक हमारी बात को पहुंचने नहीं दे रहे हैं। मिशन में बैठे अधिकारी शासन में बैठे जनप्रतिनिधियों को गुमराह कर रहे हैं। जबकि हमारी मानव संसाधन नियमावली में साफ़ तौर पर जो मांगे हम मांग रहे हैं, वह पूर्व से उनकी मानव संसाधन नियमावली में सक्षम स्तर से अनुमोदित है। इसके बाद भी मिशन के अधिआजीविका द्वारा गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील करते हुए सुध लेते हुए निहित मांगों/लाभों को पूरी करने की बात कही हैं। प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा ने मेडिकल और इंश्योरेंस पॉलिसी के अभाव में मृतक हुए कर्मियों के परिवार को प्रतिपूर्ति न मिलने पर निन्दा की गई। उनकी याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। मिशन कर्मी अपने हाथों में अपनी प्रमुख मांगों के नारों की दफ्तिया एवं मोमबत्तियों को हाथों में लेकर केंडिल मार्च रैली निकाली जो जियामऊ मार्ग से होती हुई 1090 चौराहे पर समाप्त की गई, जिनमें पुरुषों के साथ साथ महिला शक्ति भी साथ रही।
मुख्य मांगे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के समस्त कर्मचारी अपनी कागजों में लागू मानव संसाधन पॉलिसी के अनुसार लाभ न दिए जाने के कारण अपने आप को ठगा से महसूस कर रहे है। कार्यरत समस्त कर्मचारियों को उनके नियुक्ति के समय से प्रतिवर्ष 7% प्रतिवर्ष वार्षिक वेतन वृद्धि दिया जाना था, जो पिछले 10 सालों से लंबित है। सभी कर्मचारी का मेडिकल इंश्योरेंस तथा एक्सीडेंटल बीमा पॉलिसी भी लंबित है। अपने घर ,परिवार, समाज से दूर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उनके परिवार के नजदीक काम करने का मौका मिले जबकि ट्रांसफर पर भी रोक लगा दी गई थी। बीमा पॉलिसी के अभाव में अपनी जान गंवा चुके कर्मचारियों के परिवार को मिलने वाली प्रतिपूर्ति । कार्मिकों को एच आर पॉलिसी के अनुसार पूर्व में प्रदत्त अलाउंसेस जो पिछले 5 वर्षों से बंद कर दिए गए हैं,जिसकी वजह से उनके प्रभावी वेतन पहले से भी कम हो गया है।भत्यो को पुनः चालू किया जाना है और बकाया का भी भुगतान किया जाना हैं। बिना किसी ठोस आधार के बाहर निकाले गए कर्मचारियों को पुनः कम पर वापस लिया जाए।

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