कानपुर । हार्ट अटैक यानि दिल का दौरे (हृदयाघात) से पहले शरीर संकेत देने लगता है। दिल के दौरे के लक्षण पहचान कर खतरे को टाला जा सकता है। सर्दियां शुरू हो गईं हैं, ऐसे में दिल के पुराने मरीज सतर्कता बरतना शुरू करे दें। हार्ट अटैक के लक्षण सभी में एक तरह के नहीं होते हैं। कइयों में सीने में तेज दर्द होता है, जबकि कुछ को बहुत कम दर्द होता है। महिलाओं, बुजुर्गों और मधुमेह पीडि़तों को दर्द ही नहीं होता है। ऑक्सीजन युक्त रक्त में रुकावट एवं हृदय को ऑक्सीजन न मिलने से मांसपेशियां नष्ट होने लगती हैं, ऐसे में हार्ट अटैक पड़ता है। रक्त प्रवाह में अवरोध वसा, कोलेस्ट्राल और अन्य पदार्थों के कारण हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों (कोरोनरी आर्टरी) में प्लेक (एक प्रकार का चिपचिपा पदार्थ) जम जाता है। इसकी वजह से रक्त प्रवाह में रुकावट आती है। दिल को रक्त एवं ऑक्सीजन ठीक से नहीं मिल पाता है। हार्ट अटैक के कारण दिल की एक या उससे अधिक कोरोनरी धमनियों में रुकावट से दिल का दौरा पड़ता है। धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमने से धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इसकी वजह से दिल के दौरे पड़ते हैं। जिसमें प्लेक फटने से कोलेस्ट्राल और अन्य पदार्थ फैलने से खून का थक्का बनने से दिल में रक्त की सप्लाई बंद हो जाती है।
नशे के सेवन से धमनियों में ऐंठन से दिल का दौरा तंबाकू, धूमपान और नशीले पदार्थों (ड्रग्स) के सेवन से दिल की कोरोनरी धमनियों में जानलेवा ऐंठन होती है। इससे दिल की मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह में रुकावट होती है। ऐसे में दिल की धमनी फटने (स्पोटेनियस कोरोनरी आर्टरी डाइसेक्शन) दौरा पड़ सकता है।