उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने अन्नदाता किसानों का जीवन बदला। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने किसानों के लिए जो कहा वह कर दिखाया। जब तक किसान गरीब रहेगा देश विकास नहीं कर सकता है। पहली बार किसानों ने महसूस किया कि वे सरकार के एजेंडे का हिस्सा हैं और पहले स्थान पर हैं। यह प्रधानमंत्री ने साढ़े नौ साल में महसूस कराया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने 51 किसानों को ट्रैक्टर दिया और हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सम्मान निधि के जरिए किसानों को 15 किस्त मिली हैं। यूपी के दो करोड़ से ज्यादा किसानों को यह राशि मिली है। कृषि को लाभकारी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। साढ़े छह साल में 2 लाख 25 हजार गन्ना किसानों को भुगतान किया जा चुका है। डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। अब खेती घाटे का सौदा नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती और श्रीअन्न को बढ़ावा दिया जा रहा है। मोटा अनाज के माध्यम से किसानों को संवार रहे हैं। यहां के अन्न को दुनिया में पहुंचाया जा रहा है। किसान के हर सवाल का जवाब अब एप से देने जा रहे हैं। दो करोड़ ड्रोन दीदी तैयार कर रहे हैं। अब ड्रोन से खेत में दवा छिड़काव होगा। इस पर काम हो रहा है। मार्केट में दाम कम हैं तो उपज को वेयर हाउस में रखेंगे। इसे हर ब्लॉक में खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है।
अब मनुष्य के साथ धरती माता की सेहत की भी देखभाल हो रही है। सीएम ने कहा कि जिन किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है। उन्होंने साबित किया कि तकनीक अपना कर जीवन को संवारा जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान किया कि सफल किसानों की बात अन्य किसानों तक पहुंचाई जाए ताकि लोग समझे कि कुछ भी असंभव नहीं है।
सीएम ने कहा कि किसानों के परिश्रम का परिणाम ही है कि विकास दर नौ फीसदी तक पहुंची है। इसे तीन गुना बढ़ाना है। इसके लिए हर तरह की खेती को बढ़ावा देना है। डीजल इंजन को सोलर देंगे। सब्सिडी बढ़ाएंगे। जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग करेंगे। गोवंश को आश्रय स्थल तक पहुंचाएंगे। प्राकृतिक खेती का आधार गोवंश है। गौ माता की सेवा से पुण्य भी मिलेगा और खेती भी बढ़ेगी। हर गोवंश के लिए 15 सौ रुपए भी दिए जाएंगे।