रेप में यूपी तीसरे नंबर पर : महिलाओं पर कब रुकेगी हिंसा : स्पीकर ने पत्नी को पीटा, धर्म नहीं बदला तो बहू की पिटाई

उत्तर प्रदेश में महिलाएं हिंसा का शिकार हो रही हैं। वन स्टॉप सेंटर से लेकर थानों में रोजाना महिलाओं से मारपीट, अभद्र व्यवहार, ताना मारना, बदतमीजी करने की शिकायतें आती हैं। पीड़िता खुद शिकायत लेकर थाने पहुंचती हैं, तो कभी पड़ोसी पुलिस को कॉल कर किसी महिला के साथ होती हिंसा को रोकने की कंप्लेन करते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से महिलाओं के खिलाफ अपहरण, रेप, हत्या, छेड़खानी जैसे मामलों में कमी आई हो, लेकिन घरों में होती हिंसा को लेकर हालात आज भी खराब हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि हिंसा का हर केस शिकायत बनकर थाने के रजिस्टर में दर्ज नहीं हो पाता। महिलाएं इस हिंसा को सहते-सहते जिंदगी गुजार देती हैं। हाल में नोएडा में मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा का मां से अपशब्द कहना, पत्नी को पीटने की घटना इसका उदाहरण है।

1.) स्पीकर का शिकार मां-पत्नी

यूपी के गौतमबुद्धनगर में मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा पर अपनी पत्नी यानिका को पीटने का आरोप लगता है। शादी के एक सप्ताह बाद ही विवेक ने मारपीट शुरू कर दी थी। नोएडा के सेक्टर 126 थाने में विवेक के साले ने उन पर मुकदमा कराया है। विवेक अपनी मां से बहसबाजी करते हैं। यानिका विवेक को रोकती हैं तो विवेक यानिका को भी पीटते हैं। विवेक के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 504, 427 और 325 में केस दर्ज किया गया है।

2.) पति को चोरी से रोका तो किया अधमरा

24 दिसंबर 2023 को मेरठ के लिसाड़ी गेट समर गार्डन निवासी खुशबू अपनी सूजी हुई आंखें लेकर थाने पहुंचीं। खुशबू ने बताया कि पति सलमान उस पर चोरी का आरोप लगाता है। बताया सलमान चोरी करता है। जब खुशबू को पता चला कि पति चोरी करता है तो उसने विरोध किया। इस पर पति उसे रोजाना पीटने लगा। उल्टा उसी पर चोरी का आरोप लगाने लगा। पति ने उसे इतना पीटा कि उसकी आंखें भी सूज गईं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

3.) शराब से रोका, पत्नी पर धारदार वार

7 मई 2023 को मेरठ के मवाना में काबली गेट निवासी पीड़िता पिंकी ने पुलिस में अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पिंकी ने बताया कि उसका पति सोनू शराब पीकर घर आता है। पिंकी ने जब पति को शराब पीने से रोका तो पति रोजाना उसके साथ मारपीट करने लगा। एक दिन उसकी गर्दन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। घायल हालत में पिंकी पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने उसे सीएचसी में भर्ती कराया।

4.) धर्म परिवर्तन न करने पर बहू को बनाया निशाना
मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी आंचल ने कंकरखेड़ा थाने में पति, नंदोई, जेठ के खिलाफ मारपीट, हिंसा की शिकायत की है। आंचल ने बताया कि 10 महीने पहले उसकी शादी खतौली निवासी शिवम से हुई थी। आंचल ने पुलिस को बताया कि उसका पति शिवम नशे में उसे मारपीट करता है। कुछ दिन पहले उसके गले में फंदा लगाकर मारने लगा, किसी तरह उसने खुद को बचाया। घर में जेठ शंभू उससे मारपीट करता है। नंदोई, सास, पति उस पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाते हैं। वो अपना धर्म नहीं बदल रही, इसलिए उसके साथ ससुराल में हिंसा की जाती है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

रेप में यूपी तीसरे नंबर पर रोज 153 महिलाएं पिट रहीं, 

महिला अधिवक्ता उर्वशी सिंह के मुताबिक, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB के 2021 के आंकड़े में रेप के मामलों में यूपी तीसरे नंबर पर है। 2021 में देश में 36 लाख 63 हजार 360 FIR दर्ज हुई। इसमें यूपी में 3 लाख 57 हजार 905 FIR दर्ज हुई। यूपी की 1 लाख जनसंख्या के मानक के आधार पर क्राइम रेट 154.5% है। यूपी में रेप की 2,845 FIR दर्ज हुई हैं। इसमें राजस्थान में सबसे ज्यादा 6,337 रेप के मामले दर्ज हुए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश में 2,947 मामले दर्ज हुए हैं। चुप्पी के कारण महिलाएं पीड़ा सहती रहती हैं

मेरठ में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर काम करने वाली सामाजिक संस्था संकल्प की फाउंडर अतुल शर्मा कहती हैं कि महिलाएं रेप, दहेज उत्पीड़न, हत्या, हलाला, अपहरण, साइबर क्राइम की शिकार तो होती हैं, लेकिन लैंगिक हिंसा ऐसी हिंसा है जिसका असर महिलाओं पर शारीरिक, मानसिक दोनों तरह से पड़ता है। लैंगिक हिंसा के 70% मामले सामने नहीं आ पाते। अपनी चुप्पी के कारण महिलाएं इन्हें सहती रहती हैं।

संसद बजट सत्र में कई लोगो ने उठा मुद्दा

2022 चुनाव से पहले संसद के बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने माना कि पिछले 4 साल से उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक महिला हिंसा के मामले हुए हैं। यहां तक कि 1 से 25 जनवरी 2022 के बीच देशभर से राष्ट्रीय महिला आयोग को कुल 1866 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 52% यानी 986 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से आईं। महिला हिंसा की शिकायतों के मामले यूपी टॉप पर है, दिल्ली दूसरे नंबर पर है। राजस्थान, मध्यप्रदेश भी टॉप-10 में हैं।

गाजियाबाद और मेरठ में सबसे ज्यादा केस
दिल्ली से सटे और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में महिलाओं का शोषण लगातार बढ़ रहा है। महिलाओं पर लैंगिक हिंसा के सबसे ज्यादा केस गाजियाबाद में मिले हैं। लॉकडाउन के दौरान महिलाओं पर लैंगिक हिंसा के 1336 मामले दर्ज किए गए। महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर घरेलू हिंसा के मामलों में गाजियाबाद वर्ष 2021-22 में प्रदेश में नंबर वन रह चुका है।

इसमें कुल 1,101 मामले दर्ज हुए थे। लखनऊ दूसरे और मेरठ तीसरे नंबर पर था। गाजियाबाद में 2021 में 591 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 2020 में सिर्फ 341 मामले दर्ज हुए थे। लखनऊ में महिलाओं से जुड़े अपराध में कमी आई है। लखनऊ में 2021 में 2,161 मामले दर्ज हुए, जबकि 2020 में 2,636 मामले दर्ज हुए थे। इसी क्रम में कानपुर में 2021 में 894 और 2020 में 1,056 मामले दर्ज हुए थे। गाजियाबाद में महिला से जुड़े अपराध में इजाफा हुआ है ​​​​

लैंगिक अंतराल सूचकांक में  भारत 127वें नंबर पर 

मेरठ में शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला पीजी कॉलेज में समाजशास्त्र की प्रोफेसर डॉ. लता कुमार कहती हैं, वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक 2023 में भारत 146 देशों में 127वें स्थान पर रहा है। अध्ययनों से पता चला है कि लिंग आधारित हिंसा को रोकने, पहचानने और संबोधित करने में सभी समुदायों को शामिल कर इसे समाप्त किया जा सकता है। रिपोर्ट कहती है कि भारत में हर तीन में से एक महिला को अपने जीवनकाल में एक बार अपने साथी के हाथों हिंसा का सामना करना पड़ता है। मतलब अनगिनत महिलाएं कई बार इस पीड़ा से गुजरती हैं।

लैंगिक हिंसा की शिकार हैं तो यहां करें शिकायत

अगर कोई महिला किसी प्रकार की मारपीट या लैंगिक हिंसा की शिकार है तो वो पुलिस, थाने से मदद ले सकती है। लोकल थाना, चौकी पर जाकर शिकायत करें। महिला थाने में आ सकती हैं। वन स्टॉप सखी सेंटर पर जा सकती हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी से मदद ले सकती हैं। 112 नंबर पर कॉल करके शिकायत दे सकती हैं। अपने जिले के SSP या पुलिस अफसरों से शिकायत करें। महिला आयोग और CM पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

पति के कारण ससुराल में मेरी इमेज खराब हो गई। इसकी वजह पति की चुप्पी है। जब भी परिवार में किसी बात का विरोध करना हो या किसी चीज के लिए मना करना हो, तो पति हमेशा मुझे आगे कर देते हैं। परिवार में उनकी छवि बहुत शालीन है। वो कभी किसी से बहस या झगड़ा नहीं करते। लेकिन उनकी बातें मनवाने के चक्कर में मेरी इमेज खराब हो गई। किसी से दिया हुआ उधार वापस मांगना हो, किसी बात के लिया ‘ना’ बोलना हो, तो पति खुद तो कुछ नहीं कहते, लेकिन उनके लिए मैं हर किसी से बहस कर लेती हूं। इसके कारण मुझ पर डोमिनेटिंग और झगड़ालू का टैग लग गया है।

 

 

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