पटना: बिहार की राजधानी पटना में बैंक के रुपए के गबन का अनोखा मामला उजागर हुआ है। इसमें केंद्र सरकार की टेलिकॉम एजेंसी बीएसएनएल के फर्जी लेटर का सहारा लिया गया। पटना के पीरबहोर थाना इलाके के अशोक राजपथ स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से 58 लाख 66 हजार रुपये पर्सनल लोन निकाल लिया गया। इसके लिए आरोपितों ने बीएसएनएल का फर्जी नियोक्ता पत्र दिखाकर बैंक अधिकारियों की आंख में धूल झोंक दिया। इस बावत बैंक के शाखा प्रबंधक ने पांच लोगों के खिलाफ स्थानीय थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक गोपालपुर थाने के मोहरपुर गांव निवासी पवन कुमार ने पर्सनल लोन लेने के लिए 16 अप्रैल 2016 को अपना दस्तावेज जमा किया था। उसी समय बैंक ने उनके खाता में लोन के दस लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। पवन ने अपने दस्तावेज में बीएसएनएल के नियोक्ता पहचान पत्र की छाया प्रति, पंजाब नेशनल बैंक के खाता का विवरण और फार्म 16 भी जमा किये थे। जांच में दस्तावेज फर्जी मिले।
इसी प्रकार फुलवारीशरीफ के इशोपुर निवासी मनोज कुमार गोस्वामी ने 20 जुलाई 2021 में वेतन पर्ची, बीएसएनएल का नियोक्ता पहचान पत्र और फर्जी बैंक स्टेटमेंट जमा कर 12.50 लाख रुपये अपने खाते में मंगा लिया। जांच में इनका दस्तावेज भी फर्जी पाया गया। वहीं सालिमपुर लखना के अहियापुर निवासी संजीव लाल एक जुलाई 2021 को पर्सनल लोन के लिए पवन की तरह दस्तावेज समर्पित किया। बैंक ने आवेदन के आधार पर उनके खाते में 15 लाख रुपये ऋण स्वीकृत करते हुए खाते में डाल दिया। जांच में जमा किए गए बीएसएनएल से जुड़े दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट फर्जी पाया गया।
एक अन्य मामले में फुलवारीशरीफ के रानीपुर निवासी धीरज कुमार ने ऋण के लिये 12 जुलाई 2021 में आवेदन समर्पित किया था। आवेदन और दस्तावेजों के आधार पर बैंक द्वारा 11.28 लाख रुपये ऋण स्वीकृत करते हुए उनके खाते में भेजा गया। आंतरिक जांच में बीएसएनएल और बैंक स्टेटमेंट का दस्तावेज फर्जी पाया गया। इसी प्रकार सदाकत आश्रम कुर्जी कुम्हार गली निवासी मीनू कुमारी ने 21 जून 2021 को 9.88 लाख ऋण लिया। इनके द्वारा भी जमा किया गया बीएसएलएल नियोक्ता पहचान पत्र, वेतन पर्ची, बैंक स्टेटमेंट भी फर्जी पाया गया।