समाजवादी पार्टी ने भी राज्यसभा के लिए अपने 3 प्रत्याशी उतार दिए। मंगलवार को जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और रिटायर्ड IAS आलोक रंजन ने राज्यसभा के लिए पर्चा भरा। इसके पहले अखिलेश यादव ने तीनों उम्मीदवारों के साथ इटावा में भगवान शिव की शिला पूजा की।
इस दौरान शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव और डिंपल यादव भी मौजूद थीं। पूजा के बाद सभी उम्मीदवार सीधे लखनऊ विधानसभा पहुंचे और नामांकन किया। इससे पहले, शनिवार को भाजपा ने राज्यसभा के लिए 7 प्रत्याशियों का ऐलान किया था। यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होना है।
अब तक सपा और भाजपा 10 प्रत्याशी उतार चुकी हैं। अगर भाजपा अब एक और प्रत्याशी नहीं उतारती है, तो फिर ये सभी 10 प्रत्याशी राज्यसभा पहुंच जाएंगे।
तीनों प्रत्याशियों के नामांकन के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से भी बात की। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के अबू धाबी में मंदिर के उद्घाटन पर कहा, “भारत देश में विभिन्न धर्म है। विवेकानंद की बात को याद रखना चाहिए कि यहां पर धर्म बहुत हैं, लेकिन जिंदगी रोटी से कटेगी।” इटावा में शिव मंदिर बनाए जाने पर अखिलेश यादव ने कहा, “जब पूरा बन जाएगा, तो हम सभी लोगों को लेकर जाएंगे।”
अखिलेश यादव ने RO-ARO परीक्षा में पेपर लीक होने पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, “इस सरकार में बिना पेपर लीक परीक्षा हो ही नहीं सकती। पहला पेपर लीक हुआ, तब किसने जांच की? क्या वजह है कि अलग-अलग मामलों की जांच एक ही एजेंसी के पास चली जाती है। ये देखना चाहिए। राज्यसभा में सपा उम्मीदवारों को लेकर उन्होंने कहा,”राज्यसभा में हमारे उम्मीदवार जीत रहे हैं।”
4 बार के सांसद रहे रामजी लाल सुमन पहली बार 1977 में लोकसभा पहुंचे थे। चंद्रशेखर के करीबी रहे सुमन को 1990 में श्रम एवं कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया था। 1993 में सपा के गठन के बाद से वह लगातार मुलायम सिंह के भरोसेमंद बने रहे। अखिलेश ने भी उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया हुआ है।
2004 में जया बच्चन को पहली बार राज्यसभा के लिए चुना गया था। 2006 में वह राज्यसभा के लिए दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुनी गईं। 2012 में उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए राज्यसभा के लिए चुना गया। 2010 तक वह सूचना और प्रसारण मंत्रालय के लिए विदेश मामलों और परामर्शदात्री समिति की सदस्य थीं।
2012 -2014 में वह विदेश मामलों की समिति की सदस्य रहीं। 2018 में वह चौथी बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुईं। अब उन्हें फिर राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में सपा ने आगे किया है।
आलोक रंजन अखिलेश यादव की सरकार में मुख्य सचिव रह चुके हैं। करीब दो साल तक मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने के बाद वे जुलाई, 2016 में रिटायर हुए थे। इसके बाद अखिलेश ने उन्हें मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था।
राज्यसभा में इस समय सपा के 3 सदस्य हैं। इनमें जया बच्चन, प्रो. रामगोपाल यादव और जावेद अली खान शामिल हैं। 2 अप्रैल को जया बच्चन का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसलिए पार्टी उन्हें फिर से राज्यसभा भेज रही है। अगर सपा के तीनों प्रत्याशी जीत जाते हैं, तो राज्यसभा में इनकी कुल संख्या 5 हो जाएगी।
नामांकन से पहले इटावा के प्रदेश कार्यालय में स्थापित होने वाले शिव मंदिर की शिला का पूजन किया गया। इसके लिए सपा के सभी बड़े नेता इटावा पहुंचे। अखिलेश और डिंपल ने भी शिला की पूजा की। इस दौरान लोक कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी। बीन की धुन पर घुंघरू बांधे हुए लड़कों ने डांस किया। अखिलेश ने उनकी हौसला अफजाई की।