ईशा देओल इन दिनों अपने तलाक को लेकर चर्चा में हैं। लेकिन अब उनकी मां हेमा मालिनी ने खुलासा किया कि ईशा पॉलिटिक्स में कदम रखना चाहती हैं। बता दें, हेमा खुद भी कई सालों से पॉलिटिक्स में हैं। वो भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हुई हैं। हाल ही में ए को दिए इंटरव्यू में हेमा ने खुलासा किया कि उनकी बेटी ईशा भी पॉलिटिक्स में आना चाहती हैं। हेमा ने इस बारे में बात करते हुए कहा-ईशा काफी इच्छुक है। उन्हें ये करना पसंद है। अगर आगे भी कुछ सालों तक उनका मन बना रहा तो वो पॉलिटिक्स में जरुर शामिल होंगी।
हेमा मालिनी ने अपने इंटरव्यू में बताया कि मैं जो भी फैसला लेती हूं उसमें मेरे पति धर्मेंद्र हमेशा मेरा साथ देते हैं। उन्होंने बताया कि कभी-कभी वो मथुरा भी आते हैं और यहां होकर जाते हैं। मेरी फैमिली हर टाइम मेरे साथ है और मैं अपने पति धरम जी के कारण ही यह बस इतनी आसानी से कर रही हूं। हेमा ने कहा कि धर्मेंद्र उनके हर काम से खुश होते हैं।
ईशा देओल और भरत तख्तानी दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए हैं। उन्होंने एक जॉइन्ट स्टेटमेंट जारी करते हुए स्टेटमेंट में लिखा था- हम दोनों ने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला लिया है। हालांकि अब हम साथ नहीं हैं, लेकिन हमारे लिए हमारे दोनों बच्चों का भविष्य सबसे अहम है और हमेशा रहेगा। उम्मीद करते हैं कि आप लोग हमारी प्राइवसी की रिस्पेक्ट करें।
हेमा मालिनी बॉलीवुड की उन गिनी-चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौन्दर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। लगभग 6 दशक के करियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। इसके बाद 2003 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 2003 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया। वह 2009 तक राज्यसभा सदस्य रहीं। इसके बाद पार्टी ने उनको जनता के वोटों के जरिए संसद भेजने का प्लान बनाया।
2014 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री का चेहरा बने। इसके साथ ही हेमा मालिनी को मथुरा लोकसभा सीट से पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा। यहां से सांसद हेमा मालिनी ने रालोद के जयंत चौधरी को शिकस्त दी और सांसद बनीं। इसके बाद उन्होंने दूसरी बार भी 2019 में लोकसभा चुनाव मथुरा से ही लड़ा और जीत हासिल की।
2014 में जब भाजपा ने हेमा मालिनी से कहा कि उनको लोकसभा चुनाव लड़ना है, तो उन्होंने मथुरा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि वह भगवान श्रीकृष्ण की भक्त हैं और उन्हीं की जन्मस्थली से चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके बाद पार्टी ने उनको मथुरा से टिकट दिया और वह यहां की सांसद बनी।