इटावा, आचार्य विद्यासागर जी के समाधि में लीन होने पर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं वरिष्ठ सभासद शरद बाजपेयी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा की आचार्य विद्यासागर जी महाराज का समाधि में लीन होना पूरे देश के लिए अपूर्णीय क्षति है उन्होंने हमेशा सभी को सही रास्ते पर चलना सिखाया, शरद बाजपेयी ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी त्याग की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में घर परिवार छोड़कर दीक्षा ली, उन्होंने दही का, बूरा का, ग्रह का, तेल का, हरी सब्जियों का, दूध का आजीवन त्याग कर दिया था, आचार्य विद्यासागर जी के पिताजी भी मल्ली सागर नाम से मुनि बने और उनकी माताजी भी आर्यिका समय मती कहलाई, उन्होंने पूरे देश का पैदल ही भ्रमण किया वह दिन में एक बार ही पानी पीते थे जो अपनी अंजलि में लेते थे बार-बार पानी भी नहीं पीते थे ऐसे त्याग की प्रतिमूर्ति आचार्य विद्यासागर जी महाराज जी को मैं कोटि-कोटि नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। शरद बाजपेयी ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने समाज को, देश को, व्यक्तियों को सही दिशा दी और उन्हें धर्म के मार्ग पर, सत्कर्म के मार्ग पर चलना सिखाया।