जमीनी विवाद की जड़ बने हैं राजस्व विभाग के दस्तावेज

औंग, फतेहपुर। जनपद की तहसील बिन्दकी की ग्राम पंचायत औंग में चल रहे विभिन्न प्रकार के जमीनी विवाद से सम्बन्धित ग्राम सभा अध्यक्ष द्वारा कराए गए निजी सर्वे में यह बात उभरकर सामने आई है कि विभिन्न अदालतों में चल रहे गांव के भूमि सम्बन्धी विवाद का सबसे बड़ा कारण राजस्व दस्तावेज की खामियां हैं जिसके सहारे विवादों को तूल दिया जा रहा है। लम्बे अरसे से संजोई गई इन खामियों को दूर करने के बजाय क्षेत्रीय लेखपालों ने इसे लड़ाई का हथियार बनाकर खुराफाती लोगों को थमा दिया है और इसी हथियार के सहारे तहसील के दर्जनों गांवों में सैकड़ों भूमि विवाद अदालतों में विचाराधीन हैं। और कुछ विवाद इसलिए शान्त हैं कि लोग समय और पैसे की बरबादी से बचने के लिए अदालत जाने से कतराते हैं।

लेखपाल के नक्शा और खतौनी के मिलान में अन्तर
पूर्व प्रधान अखिलेश शुक्ला ने राजस्व विभाग की खामियों को लेकर बताया है कि लेखपाल के नक्शे में दर्ज कुछ खेत या जमीन के भाग ऐसे भी हैं जिनका गाटा संख्या अगर खतौनी में देखा जाता है तो उसमें ‘क’ और ‘ख’ का विभाजन के एक ही खेत संख्या में एक से अधिक खातेदारों के दर्शन हो जाते हैं। इसी खतौनी के हिसाब से खातेदार आपस में ‘क’ और ‘ख’ नक्शे में नहीं खोज पाते हैं क्योंकि राजस्व विभाग ने नक्शे में विभाजन नहीं किया। और इसी तरह के कई विवाद ग्राम औंग में सालों से चल रहे हैं जिन्हें लेखपाल द्वारा सुलझाया जा सकता है लेकिन नक्शा में विभाजन न होना बताकर विवाद को कायम रखा जाता है ।

चकबन्दी की धारा 52 के प्रकाशन के बाद
औंग निवासी प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि इस क्षेत्र के अधिकांश किसानों के खेत का रकबा पूरा इसलिए नहीं है कि चकबन्दी के बाद किसी भी फसल में राजस्व विभाग के द्वारा पोख्ता पैमाईश नहीं की गई है। खेतों के चिन्हीकरण में किसानों की पूर्ण संतुष्टि का खयाल नहीं रखा गया है जिसका नतीजा यह रहा कि अदालतों में विवादों की संख्या बढ़ती चली गई। हालत इतनी खराब है कि सरकारी नक्शा के अनुसार चकमार्ग व नालियों की जमीन मौके पर लेखपाल नहीं बता सकते। बड़े व भारी आवाज वाले किसान के खेतों में नालियां और चकमार्ग समाए हुए हैं जिन्हें खोज पाना असम्भव है।
बयान
रकबा कहीं कब्जा कहीं , कोई इसकी जांच करने वाला नहीं , लोग अपनी जमीन बेंचकर चकमार्ग और सरकारी जमीन में कब्जा दे देते हैं और राजस्व विभाग सोता रहता है। प्रदीप पाण्डेय ( निवासी ग्राम, औंग फतेहपुर )
बयान
तहसील के नक्शा और खतौनी की विसंगति को दूर करने के लिए शासन प्रशासन को पत्र लिखकर सोए हुए राजस्व विभाग को जगाया जायेगा। ममता शुक्ला (ग्राम प्रधान औंग) लेखपाल का नक्शा और खतौनी के मिलान में ही बड़ी घपलेबाजी है। इन खामियों को ठीक करने के लिए सो रहे राजस्व विभाग को जगाना होगा। अखिलेश शुक्ला ( पूर्व ग्राम प्रधान, औंग फतेहपुर )

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