फतेहपुर-हुसैनगंज थाना क्षेत्र के नेवलापुर गांव के रहने वाले थे। मृतक के मौसेरे भाई त्रिभुवन ने बताया कि विपिन मुंबई में प्राइवेट जॉब करता था। विपिन 4 माह बाद अपने घर लौट रहा था। 25 अप्रैल को वह मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन से अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल कोच में सवार हो गया। उसके साथ दोस्त रामभवन भी था। झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन से पहले विपिन के सीने में दर्द होने लगा। तब कंट्रोल रूम में कॉल किया। शुक्रवार को ट्रेन झांसी स्टेशन पर पहुंची तो डॉक्टरों की टीम ने चेकअप के बाद विपिन को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद जीआरपी ने शव को ट्रेन से नीचे उतार लिया। विपिन की मौत के बाद दोस्त रामभवन ने फोन कर घरवालों को सूचना दी। इसके बाद छोटा भाई प्रमोद, मौसेरे भाई त्रिभुवन, चचेरा भाई कामता प्रसाद समेत अन्य परिजन अपने निजी वाहन से झांसी पहुंच गए। आज जीआरपी पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम करवा रही है। विपिन अविवाहित था। वह चार भाइयों में सबसे बड़ा था। उससे बड़ी दो बहनों की शादी हो चुकी है।