देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन ट्रायल में ही दुर्घटनाग्रस्त होने से बची

दिल्ली से शुक्रवार आधी रात के बाद चली देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन अलीगढ़ और टूंडला के बीच पेट्रोलमैन की सतर्कता से दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई। पेट्रोलमैन की सूचना पर गेटमैन ने रेड हैंड सिग्नल लैंप दिखा हाईस्पीड ट्रेन को रोका। ट्रेन लगभग 28 मिनट तक अलीगढ़ से दाउद खां स्टेशन के बीच खड़ी रही। फ्रैक्चर ट्रैक को फौरी तौर पर फिट करके कॉशन देकर गुजारा गया।शुक्रवार रात लगभग 00:50 बजे टी-18 हाईस्पीड ट्रेन दिल्ली से प्रयागराज स्टेशन के लिए ट्रायल के तौर पर रवाना की गई। रात 2:23 बजे अलीगढ़ से आगे चली तो चार मिनट बाद किमी. नंबर 1320/ 18 सिग्नल रेड हो गया। चालक ने रेड सिग्नल देखते ही आकस्मिक ब्रेक लगा ट्रेन रोक दी। इसकी वजह यह थी कि रात लगभग 2:24 बजे किमी. नंबर 1320-18 और 1320-14-12 के बीच ट्रैक पेट्रोलिंग कर रहे पेट्रोलमैन भूरा सिंह की डाउन मार्ग पर निगाह पड़ी तो उसके हाथपांव फूल गए। ट्रैक पटरी के बीच लगभग चार इंच चौड़ा गैप था। भूरा सिंह ने मौके की नजाकत को भांपते हुए गंभीरता दिखाई। तत्काल गेटमैन जीके मीणा को सूचना दी। जीके मीणा से दिल्ली की ओर से आ रही हाईस्पीड ट्रेन के मददेनजर बिना विलंब किए हैंड रेड सिग्नल लैंप दिखाया। इसके बाद इंजीनियरिंग टीम की मदद से टूटी पटरी प्वाइंट पर सपोर्ट क्लंप लगवा फिट किया। रेलवे ने ट्रैक फ्रैक्चर के मामले में जांच के आदेश दिए हैं।  रेलवे अफसरों ने बताया कि ट्रैक में इतने चौड़ा गैप में हाईस्पीड ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थी।आधा घंटे दिल्ली रूट बंद होने से फंसीं छह ट्रेनेंदिल्ली कानपुर रूट पर अलीगढ़ और टूंडला के बीच ट्रैक फ्रैक्चर होने की वजह से ट्रायल पर चली हाईस्पीड ट्रेन लगभग आधे घंटे विलंब से आई। इस ट्रेन को कानपुर सेंट्रल पर सुबह 5:20 बजे आना था, जबकि यह ट्रेन सुबह 5:48 बजे आई। आधा घंटे ट्रेन संचालन बंद होने की वजह से दिल्ली से कानपुर आने वाली मालगाड़ी सहित आधा दर्जन ट्रेनें फंसी रहीं। इसकी वजह से आम यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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