कानपुर- रावतपुर स्थित स्कूल में 27 सितंबर 2010 को कक्षा छह की छात्रा के साथ कुकर्म और हत्या की बात सामने आई थी। मामले की जांच सीबीसीआईडी ने की थी। जांच में स्कूल प्रबंधक के पुत्र पीयूष को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा स्कूल प्रबंधक चंद्रपाल, उनके बड़े पुत्र मुकेश और लिपिक संतोष के खिलाफ भी चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई थी। सेशन कोर्ट ने पांच दिसंबर 2018 को पीयूष को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वहीं, गैर इरादतन हत्या और जानबूझकर अपराध की सूचना न देने का दोषी मानते हुए मुकेश और संतोष को एक-एक साल के कारावास से दंडित किया था। स्कूल प्रबंधक चंद्रपाल को दोषमुक्त कर दिया गया था। सजा के खिलाफ अपील पर हाईकोर्ट ने मुकेश व संतोष की सजा माफ कर दी थी, जबकि पीयूष की सजा बरकरार रखी थी। अधिवक्ता गुलाम रब्बानी ने बताया कि पीयूष ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर रखी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि अपील की सुनवाई में समय लग रहा है और पीयूष लगभग 13 साल आठ माह से जेल में बंद है। ऐसे में उसे सेशन कोर्ट में जमानत दाखिल करने पर रिहा करने के आदेश कर दिए। पीयूष को अपना पासपोर्ट भी सेशन कोर्ट में जमा करने के निर्देश दिए हैं।