-बड़ा सवाल.कितने रुपए क्या कोई घर में रखता हैघ्
-आखिर यह कुबेर का खजाना किसका हैघ्
आगरा के एमजी रोड स्थित बीके शूज के अशोक एमिड्ढामंशू फुटवियरएहरदीप मिडडाएऔर हर मिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ ढंग के घर और प्रतिष्ठान पर 18 मई 2024 को आयकर विभाग की जांच शाखा के संयुक्त निदेशक अमरजीत सिंह के निर्देशन में छापा मारा गया। चतुर्थ दिवस 21 में को कार्रवाई जारी है अब तक कुल 96 करोड रुपए की बरामद की हो चुकी है और आगे भी होने की संभावना है। हर मिला ट्रेडर्स के हुआ रामनाथ ढंग के यहां ही 53 करोड रुपए बरामद हुए हैं कुल मिलाकर 56 करोड रुपए नगद और 40 करोड रुपए की पर्चियां हैं जूता कारोबार में यह पर्चियां भी नगद की तरह होती हैं पर्ची दिखाओ भुगतान ले जो कमीशन दे जाओ। आगरा शहर में आयकर विभाग की सबसे बड़ी कार्रवाई को लेकर तरह.तरह की चर्चाएं हो रही हैं आगरा शहर वासी जानना चाहते हैं आखिर यह कुबेर का खजाना किसका हैघ्
शनिवार को एमजी रोड स्थित बीके शूजएढाकरान के मंसू फुटवियर और ही़ग की मंडी के हर मिलाप ट्रेडर्स पर एक साथ कार्रवाई आयकर विभाग ने की। बताया जा रहा है कि जूते की ट्रेडिंग कर रही मंजू फुटवियर और बीके शूज के मालिक रिश्तेदार हैं और अभी हाल ही में कुछ वर्षों में ही बाजार में एक बड़ा ब्रांड बनकर उभरे हैं। आखिर ऐसा क्या की बैंकों से नोट गिरने की मशीन मंगवाई गई बड़ा सवाल दिया है कोई भी व्यापारी के घर में इतनी बड़ी धनराशि मिलना संभव प्रतीत नहीं होता सवाल यह है कि आखिर यह कुबेर का खजाना किसका है।
जब इनकम टैक्स को सूचना मिली की इनकम टैक्स की चोरी हो रही है तो आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन बिंग ने आगरा लखनऊ कानपुर के कर्मचारियों के साथ जूता व्यापारियों के 6 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। जब आयकर विभाग ने जूता कारोबारी के प्रस्थान और घरों की तलाशी ली गई। शयन कक्ष में बिस्तर थैलो में जूते के डिब्बो में पुरानी तिजोरी में छुपा कर रखे गए करोड रुपए मिले। 500 के नोटों की गड्डियां नोट गिरने के लिए मशीन और बैंक अधिकारी लगाने पर शनिवार को 40 करोड रुपए जिन गए थे और रविवार की सुबह 50 करोड रुपए की गिनती हुई सोमवार को यह धनराशि 56 करोड रुपए पहुंच गई हनुमान 60 करोड रुपए का लगाया जा रहा था एक समाचार पत्र ने 20 मई को 100 करोड रुपए की बात अपने अखबार में प्रकाशित की थी। जिम जूता व्यापारी के यहां छापा पड़ा है वह नगद का काम करते हैं पर्ची सिस्टम चलाते हैं पर्चियां खरीद कर नगद भुगतान करते हैं इस तरह खांसी बचत हो जाती है ।लेकिन क्या यह इतनी बड़ी बचत हो सकती है। कि करोड रुपए घर में रखे जाएं । यह भी एक बहुत बड़ा सवाल है और आगरा की जनता जानना चाहती है कि इतनी बड़ी धनराशि आखिर है किसकीघ्
जब न्यूज़ वाणी टीम ने आयकर विशेषज्ञ और लिखा परीक्षाओं से बातचीत की उन्होंने स्वीकार की करोड़ों रुपए सिर्फ जूता कारोबारी के नहीं हो सकते आगरा में बड़े नामी जूता कारोबारी है कोई भी इतनी धनराशि घर में नहीं रख सकता दूसरी बात यह है कि एक निश्चित सीमा तक ही नगद लेनदेन किया जाता है अधिकांश लेनदेन बैंक के माध्यम से किया जाता है जूता निर्यातक तो कुछ छिपा ही नहीं सकते। तो फिर यह करोड़ों रुपए है किसकेघ्
जनता में चर्चा है की यह करोड़ों रुपए किसी आलमगीर आलम या किसी यादव सिंह के हो सकते हैं जैसे अभी झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम ने अपने कमीशन की धनराशि अपने निजी सचिव के घरेलू सहायक के यहां रखवाई थी लगता है कुछ इसी तरह का सिस्टम आगरा में चलाया जा रहा हो यह देखते हैं कि इस रहस्य पर पर्दा उठता है या नहीं अगर जूता कारोबारी से सख्ती के साथ पूछताछ की गई तो एक बड़ा रहस्य खुलकर सामने आएगा।
नोटबंदी और जीएसटी के बाद भी नगदी सबसे ज्यादा हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डांग के घर मिली है। नागदी डबल बेड और अलमारी में रखे बैगों में छुपा कर रखी गई थी ₹500 के नोटों के 11ए200 बंडल 8 फीट ऊंची और 2 फीट गहरा अलमारी में नोटों के बंडल भारे मिले पुरानी लोहे की तिजोरियों को छुपा कर रखा गया था। जिनकी चाबी बड़ी मुश्किल से दी गई नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद नोटों की इतनी गाड़ियां मिलने पर हर व्यक्ति का चौंकना स्वाभाविक है। रामनाथ डांग के यहां से 4000 से अधिक लोगों की पर्चियां बरामद हुई जिनकी कीमत 40 करोड़ बताई जाती है इन पर्चियां का मूल ₹100000 से लेकर 8 लख रुपए तक है अधिकांश पर्चियां इनकी मंडी के दुकानदार और कारखानेदारों की हैं आपको बताते चलें यदि आयकर विभाग इन्हीं 4000 लोगों से पूछताछ करेगी तो तमाम लोग इस जांच के बारे में आकर फसेंगे। आपको बताते चलें की रामनाथ डांग 20 साल पहले तक आगरा स्थित मोती कटरा में एक साधारण सी आटा चक्की चलाते थे ।बाद में सिंथेटिक लेदर रेक्सीन और फॉर्म का कारोबार शुरू किया। पर्ची सिस्टम को धीरे.धीरे चलाया। मंडी में साथ बनाकर आज एक वह ब्रांड बन गए हीग की मंडी के व्यापारियों का कहना है उनकी मर्जी के बिना पर्ची का काम कोई नहीं कर सकता है।