मतदान खत्म होने के बाद परिणाम को लेकर हर जगह कयास लग रहे हैं। लेकिन पांचों विधानसभा में जिस तरह वोटिंग हुई उसने यह बात साफ कर दी कि लोकसभा चुनाव के दौरान बनी राजनीतिक गर्मी का असर मतदान पर हुआ है। मतदाताओं ने सियासी तपिश को महसूस कर मतदान किया। कांग्रेस और भाजपा ने सियासी समीकरण साधने के लिए बछरावां और हरचंदपुर विधानसभा में ताकत झोंकी थी तो ऊंचाहार में शुरू से ही सियासी सरगर्मी ठंडी रही।
रायबरेली में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में राजनीतिक अलंबरदारों की हलचल बहुत अहम भूमिका निभाती है। चाहे वह लोकसभा हो या फिर विधानसभा चुनाव। 2019 से लेकर 2022 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में यही ट्रेंड देखने को मिला है। मतदाताओं ने सियासी गर्मी को सहन किया और फिर मतदान में भी रंग जमाया।
कांग्रेस और भाजपा ने इस बार बछरावां से चुनावी अभियान शुरू किया। यह विधानसभा क्षेत्र दोनों दलों के लिए नाक का सवाल बन गया। प्रियंका गांधी जब चुनाव प्रचार में उतरीं तो उन्होंने बछरावां में नौ मई को ताबड़तोड़ 16 नुक्कड़ सभाएं कीं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी जनसभा कर माहौल बनाया। इसके पूर्व भाजपा के लोकसभा प्रभारी और अन्य बड़े पदाधिकारियों ने बछरावां में ही सभा की। नतीजा यह रहा कि बछरावां विधानसभा में 60.20 प्रतिशत मतदान हुआ।
हरचंदपुर विधानसभा में इस बार 60.16 प्रतिशत मतदान हुआ। इसका बड़ा कारण रहा कि कांग्रेस से प्रियंका गांधी ने यहां पर 14 से अधिक नुक्कड़ सभा के साथ, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने जनसभा की। भाजपा से उन्नाव सांसद साक्षी महाराज ने दो बार लोधी बहुल क्षेत्रों में जनसभा की। इसका नतीजा यह रहा कि हरचंदपुर में सियासी तापमान बढ़ा रहा और फिर वह मतदान के रूप में सामने भी आया।
रायबरेली सदर की बात की जाए तो इस बार 57.73 फीसदी मतदान हुआ, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 53.88 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार कांग्रेस से प्रियंका गांधी ने शहर में केवल एक बार रोड शो किया तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं के साथ बैठक की। भाजपा से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनसभा की। प्रचार के अंतिम दिन प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भाजपा नेत्री अपर्णा यादव के साथ रोड शो भी किया। इसके बाद भी तपिश कम रही।