उत्तर प्रदेश के आगरा में बजरंग नगर की तरह शहर में राजीव नगर, आदेश नगर, सोहल्ला, देवरी रोड, शाहगंज, दयालबाग, ट्रांस यमुना कॉलोनी, ग्वालियर रोड पर 40 से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र अवैध रूप से चल रहे हैं। यह सिर्फ नाम के नशा मुक्ति केंद्र है। मरीजों के लिए यह यातना गृह सरीखे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने दो की जांच की तो मरीजों की पिटाई, दवाएं, खाना न देने का खुलासा मरीजों ने रोते हुए किए।
इन केंद्रों पर हर माह मरीजों से 20 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। शहर में दीवारों पर नशा मुक्ति केंद्रों के सिर्फ फोन नंबर लिखे गए हैं। गांव देहात में एजेंट घूमकर नशा मुक्ति केंद्र में मरीज ला रहे हैं । दो दिन पहले स्वास्थ्य विभाग ने पहलवान नशा मुक्ति केंद्र और उजाला नशा मुक्ति केंद्र में छापे मारे थे, जहां न डॉक्टर मिले, न नर्स।
यह दोनों केंद्र बिना पंजीकरण के चलते पाए गए। ऐसे 40 से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र और संचालित हैं। इनका पंजीकरण ही नहीं है। केंद्रों पर भर्ती मरीजों ने बेल्टों से पिटाई और दवाएं न देने, खाने की गुणवत्ता बेहद खराब होने की शिकायतें की थीं। इन दोनों केंद्रों में भर्ती मरीजों को घर जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने समय दिया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि नशे के मरीजों को निजी नशा मुक्ति केंद्र की जगह एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए जाना चाहिए। यहां निशुल्क इलाज की व्यवस्था है। इसी तरह मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में भी निशुल्क इलाज होता है। बताया कि नशा मुक्ति केंद्रों पर छापे के बाद भर्ती मरीजों को ले जाने के लिए परिजन से कहा गया था। टीम भेजकर जांच कराई जाएगी कि कितने मरीज अब तक जा चुके हैं।