खबर का असर, पिछले अंक में प्रकाशित यीडा ने अवैध कब्जों के खिलाफ कसा शिकंजा ।
रिपोर्ट आरिफ खान बाबा ब्यूरो आगरा
आगरा। न्यूज़ वाणी।पिछले अंक में हमारे अखबार में प्रकाशित खबर यमुना प्राधिकरण ने आगरा ,मथुरा, जेवर ,जहांगीरपुर टप्पल समेत कई क्षेत्रों में ढाई सौ से अधिक कॉलोनाइजर को नोटिस जारी किया के संबंध में खबर प्रकाशित हुई। खबर का असर देखने को तत्काल मिला। तमाम कॉलोनाइजर, अवैध कब्जा किया माफियाओं ने अपनी विभाग से साठ गाठ शुरू कर दी है।
और किसान संघर्ष समिति ने भी नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष से अपनी मांगों को रखते हुए का के वर्ष 2011 मैं 30 जुलाई को नोएडा के किसानों और नोएडा प्राधिकरण के बीच में समझौता हुआ था। 13 साल बाद भी नोएडा प्राधिकरण को समझौता को लागू नहीं कर रहा है। अवैध जमीनों पर जिन लोगों ने कब्जा किया है किसानों की वह जमीन वापस की जाए। और किसने की आबादी जहां है जैसी है कि आधार पर छोड़ी जाए या ग्रामीण आबादी निम्नलि में संशोधन करके 450 वर्ग मीटर के स्थान पर 1000 वर्ग मीटर की की जाए जिससे सभी किसानों का आबादी की समस्या समाप्त हो सके।
प्राप्त विवरण के अनुसार, नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष मनोज सिंह से किसान संघर्ष समिति नोएडा के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। मनोज सिंह नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष के अलावा भी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग के आयुक्त भीहैं। किसान समिति के नेता महेश और भाजपा नेता योगेंद्र चौधरी ने श्री मनोज सिंह के सामने महत्वपूर्ण विषय पर वार्ता करते हुए, श्री मनोज सिंह को बताया ।कि वर्ष 2011 में 30 जुलाई को नोएडा के किसानों तथा नोएडा प्राधिकरण के बीच में समझौता हुआ था। 2011 के समझौता को लागू करना आवश्यक है। किसान समिति के नेताओं ने श्री मनोज सिंह के सामने नो मुद्दों पर विशेष बात रखी। किसने की आबादी जहां है जैसी है कि आधार पर छोड़ी जाए और ग्राम नीड आबादी नियमावली में संशोधन करके 450 वर्ग मीटर के स्थान पर 1000 वर्ग मीटर की जाए जिससे कि किसने की आबादी की समस्या समाप्त हो जाएगी। भाजपा नेता योगेंद्र ने दूसरे बिंदु पर बात करते हुए कहा की ग्रामीण भवन नियमावली में 15 मीटर ऊंचाई के स्थान पर 20 मी कराई जाए। और नियमों को सुलभ बनाए जाएं जिससे ग्रामीणों को नक्शा स्वीकृत करने के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने आगे कहा कि जिन किसानों की पांच प्रतिशत भूखंडों पर घूम नोएडा के विकास के लिए जा चुकी है जिससे उनका रोजगार चिंटू का है किसानों के बच्चों का एवं भविष्य को ध्यान में रखते हुए किसने की जीत को उपार्जन हेतु उनके भूखंडों पर व्यवसाय करने की अनुमति दी जाए किसानों को रोजगार का अवसर मिल सके। अभी उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी किए गए भूमि अधिग्रहण नई नीति संख्या 632 1-13 -2011 को बारिश किया गया। वही किसान नेता महेश ने कहा की 1997 से 2014 के बीच अधिग्रहित भूमि के सापेक्ष 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा 10% आभासी भूखंड देने के समझौते के बाद भी 1997 से 2000 तक बढ़ा हुआ मुआवजा 5% आबादी भूखंड नहीं दिए जाने से किसानों की मांगों को बरकरार रहेंगे। किसान नेताओं ने लंबी वार्ता करते हुए मनोज सिंह से तमाम मुद्दों को उठाया और अपनी मांगों को रखा।