चुनाव आयोग ने माना- सोमवार और शुक्रवार को नहीं होना चाहिए मतदान, इसे गर्मी से पहले करा लेने की बात भी सही
लोकसभा चुनाव के सात चरणों के मतदान के बाद चार जून यानी कल मतगणना होगी। इससे पहले चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाग लेने वाले सभी मतदाताओं का खड़े होकर अभिनंदन किया। मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने माना कि सोमवार और शुक्रवार को मतदान नहीं कराया जाना चाहिए, क्योंकि इन दिनों के बीचच काफी लंबा अंतर हो जाता है।
चुनाव आयोग से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शुक्रवार और सोमवार की बात बिल्कुल सही है। यह भी हमारे लिए सीखने वाली बात है। चुनाव गर्मी से पहले होने चाहिए। मतदान सोमवार और शुक्रवार को नहीं कराए जाने चाहिए। हमने विधानसभा चुनावों में ऐसा ही किया था, लेकिन यह इतनी बड़ी प्रक्रिया है कि हम इस बार इसे नहीं कर पाए। चुनाव आयुक्त ने इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों, परीक्षाएं और सुरक्षा बलों के मूवमेंट को जिम्मेदार ठहराया।
सीईसी राजीव कुमार ने यह भी कहा कि हमने 642 मिलियन मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह सभी जी7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और यूरोपीय संघ के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है। उन्होंने कहा कि चुनाव कर्मियों के सावधानीपूर्वक और सतर्कतापूर्वक किए गए काम की वजह से हमने कम पुनर्मतदान सुनिश्चित किए। हमने 2019 में 540 के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में 39 पुनर्मतदान देखे। इसमें भी 39 में से 25 पुनर्मतदान तो सिर्फ दो राज्यों में हुए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह उन आम चुनावों में से एक है, जिसमें हमने हिंसा नहीं देखी। यह हमारी दो साल की तैयारी का परिणाम है।
निर्वाचन आयुक्तों को सोशल मीडिया पर कुछ मीम में ‘लापता जेंटलमैन’ नाम दिए जाने के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि हम हमेशा यहीं थे, कभी नदारद नहीं रहे। उन्होंने कहा कि अब मीम बनाने वाले कह सकते हैं कि ‘लापता जेंटलमैन’ वापस आ गए हैं।
चुनाव के परिणाम पर बोले सीईसी
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित करने के लिए अपनाई जाने वाली मतगणना प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत है। यह घड़ी की सटीकता के समान काम करती है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होगी। उसके आधे घंटे बाद ही हम EVM की गिनती शुरू कर देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब मैं कल होने वाली मतगणना प्रक्रिया पर विस्तार से आता हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी और दृढ़ता के साथ कुछ बातें कहना चाहता हूं। मतगणना और अन्य चुनाव प्रक्रिया के लिए एक बहुत मजबूत प्रणाली है। हर भाग तय है। मतगणना प्रक्रिया संहिताबद्ध है। सिस्टम में कोई समस्या नहीं हो सकती। मानवीय त्रुटि किसी से भी हो सकती है। हम उससे निपटेंगे। पूरी मतगणना प्रक्रिया मजबूत है।
पोस्ट पोल हिंसा पर कही यह बात
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अगर पोस्ट पोल हिंसा कहीं भी होती है तो इसके लिए हमने पहली बार निर्णय लिया है कि MCC के बाद भी कुछ राज्यों में पैरामिलिट्री फोर्स रहेगी।
जम्मू-कश्मीर पर भी बोले
राजीव कुमार ने कहा कि हम बहुत जल्द जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
जयराम रमेश के आरोप का दिया जवाब
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के इस आरोप पर कि केंद्रीय गृह मंत्री ने डीएम/आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) को फोन किया, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है?…क्या कोई उनको (डीएम/आरओ) प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया, हम उसको सज़ा देंगे…यह ठीक नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और सभी को शक के दायरे में ले आएं।
दो सीख भी बताईं
चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस चुनाव से हमें दो सीख मिलीं। पहली- चुनावों से सबसे बड़ी सीख यह है कि मतदान प्रक्रिया गर्मियों से पहले पूरी हो जानी चाहिए। और दूसरी- चुनाव आयोग गलत मतदाता सूची और मतदान के आंकड़ों के बारे में झूठी कहानियों को समझने में विफल रहा। इससे लड़ने के लिए और तैयारी करनी होगी।
चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें
भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ वैश्विक रिकॉर्ड बनाया।
सीईसी राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयुक्तों को ‘लापता सज्जन’ कहे जाने वाले मीम्स पर कहा कि हम हमेशा से यहां थे, कभी गायब नहीं हुए।
दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल, 1.5 करोड़ पोलिंग एवं सुरक्षाकर्मी शामिल थे।
2024 के लोकसभा चुनाव कराने में करीब चार लाख वाहन, 135 विशेष ट्रेनें और 1,692 हवाई उड़ानों का इस्तेमाल किया गया।
2024 के आम चुनावों में केवल 39 पुनर्मतदान हुए, जबकि 2019 में 540 पुनर्मतदान हुए थे।
जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ, कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान हुआ।
2024 के चुनावों के दौरान नकदी, मुफ्त उपहार, ड्रग्स और शराब सहित 10,000 करोड़ रुपये की जब्ती की गई। 2019 में यह आंकड़ा 3,500 करोड़ रुपये था।
आम चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की 495 शिकायतों में से 90 प्रतिशत से अधिक का निपटारा किया गया।
चुनाव प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए चुनाव आयोग ने शीर्ष नेताओं को नोटिस जारी किए, कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और शीर्ष अधिकारियों का तबादला किया गया।
आचार संहिता के दौरान सभी विकास कार्य रुक जाते थे, चुनाव आयोग ने 95-98 प्रतिशत परियोजनाओं में आवेदन के 48 घंटे के भीतर अनुमति दी।
चुनाव खत्म होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई
यह शायद पहली बार है, जब आयोग ने चुनाव खत्म होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। 19 अप्रैल को शुरू हुए सात चरणों का चुनाव एक जून को खत्म हुआ। 2019 के संसदीय चुनावों तक उप चुनाव आयुक्त प्रत्येक चरण के मतदान के बाद मीडिया ब्रीफिंग करते थे, लेकिन उसके बाद यह प्रथा खत्म कर दी गई थी।
इससे पहले रविवार को चुनाव आयोग ने कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश से उनके आरोपों पर तथ्यात्मक जानकारी और विवरण मांगा था। रमेश ने अपने एक एक्स पोस्ट में आरोप लगाया था कि मतगणना से कुछ दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 150 जिला अधिकारियों को फोन कॉल किए गए थे। आयोग ने आगे की जरूरी कार्रवाई के लिए रमेश से 2 जून की शाम तक जवाब मांगा था।
सात चरणों की मतदान प्रक्रिया शनिवार को समाप्त हुई
लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को शुरू हुई सात चरणों की मतदान प्रक्रिया शनिवार को समाप्त हो गई। मतदान संपन्न होने के साथ ही तमाम एजेंसियों ने एग्जिट पोल सामने आ गए हैं। सभी सर्वेक्षण में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है। इनमें सत्तारूढ़ गठबंधन राजग के तमिलनाडु और केरल में अपना खाता खोलने का अनुमान है। इसके साथ ही कर्नाटक में एकतरफा जीत हासिल करने का अनुमान जताया गया है। दो सर्वेक्षणों ने भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में जीती 303 सीटों से अपनी संख्य़ा में सुधार की भविष्यवाणी की है। अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद लोकसभा चुनाव में लगातारक तीन बार जीत हासिल करने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री बन सकते हैं।