ब्लॉक अधिकारियों के संरक्षण में सफाईकर्मियों की मौज।
एडीओ पंचायत डीह का बेतुका बयान सफाईकर्मी जो कर रहे सब ठीक कर रहे। जिसको जो करना है करे।
जिम्मेदारों द्वारा खुलेआम स्वच्छ भारत मिशन की उड़ाई जा रही धज्जियॉ।
गावों में लगा गंदगी का अंबार।सफाईकर्मी गांवों से रहते नदारत।
डीह रायबरेली। डीह विकास खंड के ज्यादातर गॉवों में केन्द्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकॉक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन की किस तरह खुलेआम धज्जियॉ उड़ाई जा रही है। यह तो देखते ही बनता है। जहां विकास खंड के ज्यादातर गॉवों में आज हालत यह है कि गांवो की नालियॉ कीचड़ से पटी पड़ी है।तो वही जगह जगह कूड़े कचरे के ढेर लगे है।तो वहीं ब्लॉक अधिकारियों की संरक्षण में सफाईकर्मी ब्लॉक में बैठ मौज उड़ाते हुये सरकार के महत्वाकॉक्षी योजना में जमकर पलीता लगाने से बाज नही आ रहें है।यूं तो प्रदेश सरकार ने प्रत्येक गांव में साफ सफाई के लिये एक एक सफाईकर्मी की नियुक्ति कर रखा है। किंतु ब्लाक अधिकारियों की उदाशीनता के चलते हकीकत कुछ और ही है। ताजा मामला ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत रायपुरटोड़ी के गांव किया गोपालपुर दीनापुर का है।जहां पर ग्रामीणों का आरोप है कि यहां सफाईकर्मी कभी दिखायी ही नही पड़ते। नालियां भटी पड़ी है।जगह जगह गंदगी व कूड़े कचरे के ढेर लगे है।जहां कई बार शिकायत के बावजूद भी उच्चाधिकारियों द्वारा ध्यान नही दिया जा रहा है। वहीं गोपालपुर निवासी राम प्रसाद रामनरेश राकेश कुमार अशोक कुमार चंदन कुमार शिव प्रसाद आदि लोगों का कहना है कि गांव में सफाईकर्मी कभी नही आता जिससे गांवों में चारों तरफ गंदगी फैली है।जिससे संक्रमक जानलेवा बिमारियों का निरंतर खतरा बना रहता है।वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सफाईकर्मी कभी आता भी है तो घूमफिर कर चला जाता है परंतु सफाई नही करता है।यही हाल किया गांव का भी है।अब सोचने वाली बात है कि मामला संज्ञान मे होने के बावजूद भी आखिर उच्चाधिकारियों द्वारा ऐसे लोगों पर कार्यवाही क्यों नही हो रही है?जिससे साफ जाहिर होता है कि ब्लॉक अधिकारियों की संरक्षण में सफाईकर्मी ब्लॉक में बैठ कर मौज काट रहे है। वहीं इस बावत डीपीआरओ उपेन्द्र राज के चुनावी मीटिंग में व्यस्त होने से बात नही हो सकी।
इस संबंध में सहायक खंड विकास अधिकारी जितेन्द्र सिंह ने बेतुका बयान देते हुये कहा कि सफाईकर्मी जो कर रहें है ठीक कर रहे है।आपको जो लिखना है लिखो कोई फर्क नही पड़ता। जिससे साफ जाहिर होता है कि ब्लॉक अधिकारियों के संरक्षण में सफाईकर्मियों की मौज है।