लखनऊः उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद में तीन लोगों की हत्या कर सनसनी फैलाने वाले हिस्ट्रीशीटर लल्लन और उसके बेटे फराज की अवैध तरीके से अर्जित की गई 32.68 करोड़ की संपत्ति कुर्क होगी। सीपी कोर्ट ने आरोपितों की ओर से अर्जित संपत्ति के दस्तावेज न दिखा पाने पर सोमवार को कुर्की का आदेश जारी किया है। पुलिस अब जल्द ही कोर्ट के जरिए संपत्ति को कुर्क कर राज्य सरकार के खाते में दर्ज करेगी।
मलिहाबाद के मोहम्मदनगर गांव में बीती दो फरवरी को फरहीन, उनके बेटे अंजला व चाचा मुनीर ताज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मलिहाबाद कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर दुबग्गा निवासी सिराज खां उर्फ लल्लन, उसके बेटे फराज खान, ड्राइवर अशर्फी लाल व करीबी फुरकान को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
पुलिस की छानबीन में सामने आया था कि मोहम्मदनगर की एक जमीन की पैरवी करने के शक में हत्यारोपित पिता-पुत्र ने अपने तीनों रिश्तेदारों को घर में घुसकर गोलियों से छलनी कर दिया था। पुलिस ने हत्यारोपित पिता-पुत्र को जेल भेजने के साथ ही उनके खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत भी कार्रवाई की थी। दोनों हत्यारोपितों को जेल भेजने के साथ ही पुलिस ने अपराध से अर्जित इनकी संपत्तियों का ब्योरा भी खंगाला।
मलिहाबाद पुलिस की जांच में सामने आया कि फराज ने अपने पिता के साथ मिलकर गैंग बनाकर 4,16,68,016 रुपये और गैंग के सरगना हिस्ट्रीशीटर लल्लन ने 28,82,00,000 रुपये की संपत्ति अर्जित की है। मामला सीपी कोर्ट पहुंचा तो आरोपितों को 7 मार्च को अर्जित संपत्ति के स्रोत के दस्तावेज सौंपने के निर्देश दिए थे। सीपी कोर्ट में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई तो पिता-पुत्र संपत्ति से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। लिहाजा सीपी कोर्ट ने उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं।
मलिहाबाद कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर लल्लन ने 1973 में अपराध जगत में प्रवेश किया था। उसके बाद से इस साल तक उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में 18 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। उसके खिलाफ चौक, मलिहाबाद, वजीरगंज, काकोरी और हरदोई के गोकुल बेहटा थाने में आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसकी संपत्तियों की जांच में सामने आया है कि उसने एक महंगी कार सैफुल्ला खान से खुद को गिफ्ट भी करवाई थी। पुलिस का दावा है कि वह 1973 से ही वह एक संगठित गिरोह बनाकर अपराध कर रहा है। गैंग लीडर लल्लन ने अपने बेटे फराज को भी गैंग में शामिल कर लिया था। वह अपने पिता के नाम पर अपराध करता था।