चीनी मांझे से कट गई गर्दन, तमाम कोशिशों के बाद भी डॉक्टर नहीं बचा सके जान

 

लखनऊ –  चीनी मांझा एक बार फिर काल साबित हुआ है। चौक इलाके में सात दिन पहले बाइक से जा रहे मूल रूप से हरदोई के रहने वाले सुधाकर की गर्दन की नस चीनी मांझे से कट गई थी। सात दिन तक उनका केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चला, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। रविवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।

सुधाकर आइसक्रीम फैक्टरी में काम करते थे। वह कपूरथला इलाके में पत्नी रंजना और दो बेटों-सिद्धार्थ व आदित्य के साथ रहते थे। उनके भाई दिवाकर ने बताया कि 16 जून को सुधाकर बाइक से किसी काम से चौक गए थे। इसी दौरान बंधे के पास उनकी गर्दन में चीनी मांझा फंस गया था।दिवाकर ने बताया कि गर्दन की नस कटने के बाद भी सुधाकर खुद ही बाइक चलाकर अस्पताल पहुंच गए थे। वहां पहुंचने तक काफी खून बह चुका था। सात दिनों तक उनका इलाज चलता रहा, लेकिन वह कुछ बोल नहीं सके। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। रविवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने रविवार को पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

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