11 हजार विद्युत पोल सप्लाई बन रहे राहगीरों के लिए खतरा?

 

बकेवर, फतेहपुर। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और यातायात के दबाव के कारण सड़कों के किनारे खड़े 11 हजार विद्युत पोल से गुजरने वाले तार लोगों के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। यह समस्या जहानाबाद, चैडगरा,बिंदकी सहित ,बकेवर क्षेत्र ही नही बल्कि ज़्यादातर जगहों पर आम बात है । यह दिक्कतें न केवल राहगीरों के लिए बल्कि स्कूली वाहनों, एम्बुलेंस, बसों, और अन्य वाहनों के लिए भी गंभीर हो सकती है।
बिजली के तारों का अनियंत्रित जाल’
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के लिए उपयोग किए जाने वाले 11 हजार विद्युत पोल के तार और खंभे सड़कों के दोनों तरफ जंजाल की तरह फैले हुए हैं। सड़क से सटे होने के कारण वाहनों को गुजरने में बाधा उत्पन्न होती है। इन तारों में विद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण यह और भी खतरनाक हो जाते हैं। अधिकांश सड़कों पर इन तारों के नीचे सुरक्षा के लिए कोई सेफ्टी गार्ड भी नहीं लगाए गए हैं, जिससे तेज हवाएं, बारिश या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय तार टूटकर गिर सकते हैं और बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या
हाल के वर्षों में, इन तारों और खंभों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है। तेज हवाओं या भारी बारिश के कारण तारों के टूटकर सड़कों पर गिरने से यातायात बाधित होता है और जानमाल का नुकसान होता है। सड़कों से गुजरते वक्त राहगीरों को हमेशा एक खतरे का आभास बना रहता है। बच्चों और पालतू जानवरों के लिए भी यह तारें खतरनाक साबित हो सकती हैं, क्योंकि वे अनजाने में इनके संपर्क में आ सकते हैं।
प्रशासन की भूमिका और जिम्मेदारी’
इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिजली विभाग को एक ठोस योजना बनाकर इन तारों और खंभों को सुरक्षित तरीके से लगाना चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि तार ऊंचाई पर और सुरक्षित तरीके से लगाए जाएं, ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
तकनीकी सुधार और नई योजनाएं’
बिजली आपूर्ति के लिए अधिक सुरक्षित और आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए। अंडरग्राउंड केबलिंग (भूमिगत केबल) एक बेहतर विकल्प हो सकता है, जिससे तारें सड़कों के ऊपर नजर नहीं आएंगी और दुर्घटना का खतरा भी कम होगा। स्मार्ट ग्रिड तकनीक का उपयोग करके भी बिजली आपूर्ति को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा सकता है।
जन जागरूकता और शिक्षा’
राहगीरों और स्थानीय लोगों को इस बारे में जागरूक करना आवश्यक है। उन्हें जानकारी दी जानी चाहिए कि इन तारों के संपर्क में आने से कैसे बचा जा सकता है। इसके लिए स्कूलों, कॉलेजों और स्थानीय समुदायों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं।
आपातकालीन सेवाओं की तैयारी’
बिजली के तारों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए आपातकालीन सेवाओं को हमेशा तैयार रहना चाहिए। फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, और पुलिस को ऐसे मामलों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। बिजली विभाग को भी ऐसे उपकरणों और संसाधनों से लैस होना चाहिए, जिससे वे त्वरित और प्रभावी तरीके से बिजली की आपूर्ति बहाल कर सकें और टूटे हुए तारों को ठीक कर सकें।
नागरिकों की जिम्मेदारी’
आम नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वे इन तारों और खंभों के प्रति सतर्क रहें। यदि वे किसी खतरनाक स्थिति को देखते हैं, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। बच्चों को भी इन तारों से दूर रहने के बारे में शिक्षित करें। सरकार को इस समस्या के समाधान के लिए ठोस नीतियां बनानी चाहिए। नई इमारतों और सड़कों के निर्माण के समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बिजली की तारें सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से लगाई जाएं। पुरानी और जर्जर हो चुकी तारों को समय-समय पर बदलना भी आवश्यक है। 11 हजार पोल सप्लाई के तारों और खंभों का सुरक्षित प्रबंधन न केवल लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह शहर की सुंदरता और यातायात व्यवस्था को भी सुचारू रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रशासन, तकनीकी विशेषज्ञों, और आम नागरिकों को मिलकर इस दिशा में प्रयास करना चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोका जा सके और एक सुरक्षित और व्यवस्थित शहर का निर्माण हो सके।

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