जब तक गौवंश सड़क पर बेसहारा घूमता रहेगा तब तक विश्व गुरु बनने की कल्पना भी बेकार : सुमित शुक्ला

 

न्यूज़ वाणी ब्यूरो मुन्ना बक्श बांदा। सरकार गौवंशो के संरक्षण को लेकर बड़े बड़े दावे करती हैं किन्तु गौवंश की अति दयनीय स्थिति किसी भी गांव की सड़कों पर देखने को मिल जायेगी

लगभग चालीस फीसदी किसान अपने खेतों में ब्लेड युक्त नुकीले तार का उपयोग अपनी फसल को बचाने के लिए करते हैं जो गौवंश को गम्भीर रूप से घायल करने व उनकी जान लेने के लिए काफी है बारिश होने के साथ साथ किसानों की धान की बेड़ भी तैयार हो जाती है तथा खेतों में हरियाली दिखाई देने लगती है जिसे देखकर गौवंश कंटीले तार से घिरे खेत में जाता है और किसानों द्वारा बाहर निकालने के क्रम में घायल हो जाता है तत्पश्चात उसकी मृत्यु तक हो जाती है।

यहां तक की गौवंश ने अपना ठिकाना सड़कों को बना रखा है जिससे आये दिन मानव जीवन की भी हानि होती हैं अगर हम प्राचीन काल की बात करें तो बहुत से युद्ध गौ सम्पदा को प्राप्त करने के लिए हुए है तो आज के युग में गौ सम्पदा से इतनी बेरुखी क्यों।

समाजसेवी सुमित शुक्ला का कहना है कि सरकार ऐसे कानून या नियम बनाए जिससे दूध खाकर छोड़ने वाले लोगों तथा गौवंश के लिए चल रही योजना में छेड़छाड़ करने वाले सम्बंधित अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई हो जिससे गौवंश का भलीभांति संरक्षण हों सकें।

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