सेक्सटॉर्शन गैंग: पति-पत्नी ने सीबीआई अफसर बनकर की वसूली

कानपुर में एक पति-पत्नी सेक्सटॉर्शन गैंग चला रहे थे। पुलिस ने अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले गैंग के 9 शातिरों को शनिवार को अलग-अलग जगह से अरेस्ट किया। इनमें पति-पत्नी भी शामिल हैं। गैंग के सदस्य चाइल्ड पोर्न से लेकर न्यूड वीडियो कॉलिंग के जरिए लोगों को जाल में फंसाते थे। इसके बाद उन्हें जेल भिजवाने की धमकी देकर धन उगाही करते थे। DCP वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने शनिवार शाम इस गैंग का खुलासा किया।

फतेहपुर के गाजीपुर में रहने वाले इंद्रजीत और संध्या पति-पत्नी हैं। ये दोनों सेक्सटॉर्शन गैंग चलाते थे। लोगों की ठगने के लिए संध्या न्यूड वीडियो कॉल करके पहले उन्हें अपने झांसे में लेती। वह पहले फेसबुक पर अपनी खूबसूरत फोटो लगाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती। फिर जो उसकी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेता, उसे फेसबुक मैसेंजर पर ‘Hi’ का मैसेज भेजती। रेस्पॉन्स आने पर वह बातों का सिलसिला शुरू कर देती।

इसके बाद धीरे-धीरे अश्लील बातें करने लगती। फिर उनसे वॉट्सऐप नंबर मांग लेती और न्यूड वीडियो कॉल करती, वह भी फ्री में। इस दौरान अपने पति के जरिए वीडियो रिकॉर्डिंग कर लेती थी। इसके बाद अश्लील वीडियो के जरिए लोगों से लाखों रुपए की वसूली की जाती थी। गैंग में शामिल दशरथ और अनुज डेटा अलग-अलग जगह से मोबाइल नंबरों का डेटा उपलब्ध कराने का काम करते थे।

इसके बाद शुरू होता था सेक्सटॉर्शन का सिलसिला। गैंग के राहुल सिंह, दीपक कुमार और रिंकू अश्लील वीडियो बनने के बाद कॉल करते थे। फिर वीडियो भेजकर खुद को CBI या क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताते थे। शातिरों ने पुलिस अफसरों की ड्रेस में अलग-अलग तस्वीरें भी लगा रखी थीं। लोग तेज आवाज सुनकर घबरा जाते थे और मामला सेटल करने की बात करने लगते थे। मामला सेटल करने के लिए आरोपी पीड़ित से रुपए की मांग करते थे। इसके बाद पीड़ित आरोपियों के बताए खाता संख्या में रुपए डाल देते थे। इस तरह से सेक्सटॉर्शन का धंधा जोरों पर चल रहा था।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया, वे लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही अलग-अलग सरकारी योजनाओं का झांसा देकर भी लोगों से ठगी करते थे। उन्होंने एक फर्जी आईडी पर वर्षा के नाम से सहारनपुर के छुटमलपुर में केनरा बैंक में खाता खोला था। इसी में ठगी की रकम जमा कराई जाती थी। रुपए निकालने के बाद सभी आपस में रकम का बंटवारा कर लेते थे। पुलिस ने जो मोबाइल बरामद किए हैं, उन्हें ही वारदात में यूज किया जाता था। सभी के सिम प्री-एक्टिवेटेड और मध्य प्रदेश या दिल्ली के थे।

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