नई दिल्ली: पहले कोलकाता, फिर महाराष्ट्र के ठाणे का बदलापुर। और भी ना जाने कितने शहर, जहां से लगातार बेटियों के साथ छेड़छाड़ और यौन शोषण की खबरें आ रही हैं। लोग सड़कों पर हैं। अपनी बेटियों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। हर गुहार में एक गुस्सा भी है, लेकिन दरिंदगी की घटनाएं नहीं थम रहीं।
कोलकाता और बदलापुर के आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं और लोगों को इंतजार है कि इन्हें जल्द से जल्द इनके किए की सजा मिले। इस बीच एक ऐसे मामले की यादें ताजा हो गई हैं, जब बेटियों ने अपने साथ हुई गलत हरकत के खिलाफ आवाज उठाई और छेड़छाड़ करने वाले शख्स को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया।
तारीख थी 5 अप्रैल 2016, वक्त दोपहर के करीब 12 बजे और जगह देश की आर्थिक राजधानी के तौर पर पहचान रखने वाला मुंबई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल से परीक्षा देकर लौटीं छात्राओं का एक ग्रुप बस स्टॉप पर खड़े होकर ऑटो रिक्शा का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान एक अधेड़ उम्र का शख्स उनके पास से गुजरा और एक लड़की को गलत तरीके से छूकर आगे बढ़ गया। लड़कियां कुछ समझ पातीं, इससे पहले ही वो शख्स वापस लौटा और एक दूसरी लड़की को भी छूने लगा। इसके बाद उसने सॉरी कहा और वहां से चल दिया।
हालांकि, इस बार ग्रुप की एक लड़की ने चुपचाप अपने मोबाइल से उस शख्स का फोटो खींच लिया। इधर लड़कियों को जैसे ही अपने साथ हुई इस गलत हरकत का एहसास हुआ, उन्होंने उस शख्स का पीछा किया। ये लड़कियां पीछा करते हुए उसकी बिल्डिंग तक पहुंच गई। जब छेड़छाड़ करने वाला शख्स अपनी बिल्डिंग में चला गया तो लड़कियों में से एक ने पुलिस हेल्पलाइन नंबर 103 पर फोन किया और मामले की सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस की गाड़ी उस बिल्डिंग के नीचे पहुंच गई और शख्स को गिरफ्तार कर थाने ले आई।
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि 66 साल के जिस शख्स ने उनके साथ छेड़छाड़ की, वो फिल्मों में एक्टिंग करता है। जिन लड़कियों को उसने गलत तरीके से छुआ था, उनमें से एक 9वीं और दूसरी 7वीं कक्षा की छात्रा थी। पुलिस ने शख्स के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के साथ-साथ आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज
कियाा।
इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और सुनवाई होने लगी। अदालत में आरोपी शख्स ने कहा कि लड़कियां उसके ऊपर झूठा इल्जाम लगा रही हैं, क्योंकि अगर उनके साथ छेड़छाड़ हुई होती, तो वो तभी चिल्लातीं। उसने कहा कि ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई।
हालांकि, कोर्ट में उसका ये दांव नहीं चला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में लड़कियों की गवाही काफी अहम है। उस वक्त इन लड़कियों को उम्मीद नहीं थी कि एक बुजुर्ग शख्स उनके साथ ऐसी हरकत कर सकता है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि उस दौरान ये लड़कियां काफी डर गईं थी और इसी वजह से अपने साथ हुई उस घटना के लिए शोर नहीं मचा पाईं। कोर्ट ने कहा कि जब वह व्यक्ति वापस लौटा और फिर से वैसी ही हरकत की, तब उन्हें उसका पीछा करने की हिम्मत मिली। अदालत में ये मामला सात साल तक चला और आखिर में आरोपी शख्स को दोषी मानते हुए उसे तीन साल की सजा सुनाई गई।